पटना (ब्यूरो)। अनुमंडल क्षेत्र में मुख्य सड़क अशोक राजपथ से लेकर कई सड़कों और गलियों में नमामि गंगे योजना के तहत रास्तों की खुदाई होने से हालात ङ्क्षचताजनक बने हैं। ऐसे में इस बरसात पटना सिटी में जल जमाव की समस्या उत्पन्न होने की संभावना जतायी जा रही है। इसे गंभीरता से लेते हुए नगर निगम ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। बरसात में लबालब होने वाले छोटे-बड़े नालों एवं रास्तों से पानी निकाल कर जल्ला के क्षेत्रों में फेंकने के लिए सात संप हाउस तैयार है। यहां इलेक्ट्रिक और डीजल से चलने वाले 27 मोटर लगे हैं।

नगर निगम के समक्ष होगी चुनौती
सिटी क्षेत्र के दो बड़े अस्पताल नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल और राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्था को जलमग्न होने से बचाने की चुनौती निगम के समक्ष होगी। इन दोनों अस्पताल के पश्चिम में दीवार से सट कर शहर का बड़ा पहाड़ी-सैदपुर नाला बहता है। यह बरसात में उबल पड़ता है।

संदलपुर संप हाउस में 5 मोटर तैयार
अजीमाबाद अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी डा। नुरुलहक शिवानी ने बताया कि सभी संप हाउस का निरीक्षण कर व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त कर दिया गया है। वार्ड 56 अन्तर्गत पहाड़ी संप हाउस पर ग्यारह मोटर, इसी वार्ड अन्तर्गत अगमकुआं स्थित राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान यानी आरएमआरआइ परिसर के संप हाउस पर चार मोटर, नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल परिसर स्थित संप पर तीन मोटर, वार्ड 54 अन्तर्गत संदलपुर संप हाउस पर पांच मोटर लगा है।

अस्थायी संप हाउस में भी मोटर
कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि पहाड़ी स्थित बिग होस्पिटल के समीप बनाए गए अस्थायी संप हाउस में दो मोटर लगा है जबकि जकरियापुर में कृष्णा निकेतन के समीप बने अस्थायी संप हाउस में एक मोटर काम करेगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक संप हाउस पर एक-एक डीजल मोटर लगाया गया ताकि बिजली बाधित होने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके। डीजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में प्रयास जारी है। वहीं, पटना सिटी अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी डा। उत्तम कुमार ने बताया कि उनके क्षेत्र कर्मलीचक के समीप एक अस्थायी संप हाउस है। आवश्यकता पडऩे पर यहां लगे मोटर को चालू किया जाएगा।