पटना(ब्यूरो)। देश में फिलहाल दो शक्तियां एक साथ काम कर रही है। एक इंडिया मेङ्क्षकग के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं तो दूसरी इंडिया ब्रेङ्क्षकग को अपना अभियान बनाए हुए हैं। युवाओं को तय करना है कि वह किसका साथ देंगे। अमृत काल में देश को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए युवा योगदान देंगे तो आजादी के 100 साल होने पर भारत दोबारा विश्व का सिरमौर होगा। उक्त बातें गुरुवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) पटना में केंद्र सरकार के एक भारत, श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के तहत युवा संगम-2 के तहत तमिलनाडु से आए छात्रों के दल को संबोधित करते हुए राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कही। उन्होंने कहा कि देश में वैसे युवाओं की बड़ी संख्या है जो मेङ्क्षकग-ब्रेङ्क्षकग से अलग इंडिया लुङ्क्षकग में खुद को रखे हुए हैं। इन्हें लुङ्क्षकग से मेङ्क्षकग में खुद को शिफ्ट करना होगा। राज्यपाल ने कैंपस में पौधारोपण भी किया। मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि को अंगवस्त्र व काशी विश्वनाथ का प्रतीक देकर सम्मानित किया गया।

देश सांस्कृतिक एवं वैचारिक रूप से एक है
राज्यपाल ने कहा कि भारत के विभिन्न राज्यों में संस्कृति के अलग-अलग रंग और पहलू हमें दिखाई देते हैं, परन्तु देश सांस्कृतिक एवं वैचारिक रूप से एक है। सभी राज्यों की संस्कृति भारत की ही संस्कृति है। युवा संगम कार्यक्रम से राष्ट्रीय एकता को बल मिलेगा तथा भारत की सांस्कृतिक एवं अन्य विभिन्न पहलुओं को संपूर्णता में समझने में मदद मिलेगी। Óएक भारत, श्रेष्ठ भारतÓ की संकल्पना को स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत की एकता और अखंडता अक्षुण्ण रहने पर ही हमारा देश विश्व में श्रेष्ठ हो सकता है। हमारे देश का भविष्य युवाओं की सोच पर निर्भर करता है। 25 वर्षों के अमृतकाल में युवाओं को श्रेष्ठ विचार एवं स्पष्ट ²ष्टिकोण के साथ राष्ट्र के विकास में सहभागी बनने की आवश्यकता है।

बिहार को लेकर गलत भ्रांतियां होंगी दूर
तमिलनाडु से आए 45 युवाओं और शिक्षकों के दल से विशिष्ट अतिथि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ङ्क्षसह ने कहा कि बिहार में समय बिताने के बाद भ्रांतियां दूर हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि देश को सबसे ज्यादा धर्म देने वाली यह भूमि है। विश्व के सबसे पुराना नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय यहीं था। आईआईटी पटना के निदेशक प्रो। टीएन ङ्क्षसह ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम हमें एक-दूसरे को समझने में सहायक साबित होगा। बिहार को समझने के लिए छह दिन काफी कम है। नोडल पदाधिकारी प्रो। ओम प्रकाश ने कार्यक्रम की रूपरेखा तथा डीएसडब्ल्यू प्रो। स्मृति ङ्क्षसह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। तमिलनाडु का नोडल इंस्टीट््यूट एनआईटी तिरुचिरापल्ली के पांच संकाय सदस्य भी आए हैं। इसमें एक डॉ। ङ्क्षपटू कुमार रोहतास जिले के रहने वाले तथा आईआईटी पटना के एलुमिनाई हैं। दल 16 मई तक महाबोधि मंदिर, विष्णुपद मंदिर, गयाजी डैम, नालंदा, राजगीर, वैशाली, सोनपुर आदि पर्यटन स्थलों का भ्रमण करेंगे।