-पांच लीटर शराब मिलने पर गांव के प्रधान हुए गिरफ्तार

BANKA: बांका के एक गांव में उस समय अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब शादी की रस्म के लिए रखी गई 5 लीटर शराब मिलने से एक शादी रूक गई। इतना ही नहीं, बिना शादी गांव पहुंचे दूल्हा-दुल्हन को लेकर भी विवाद हुआ और ग्रामीणों ने जोड़े की गांव में एंट्री रोक दी। रात बाहर ही रहना पड़ा। अगले दिन गुरुवार को दूल्हे के गांव के प्रधान ने शादी कराई तो दूल्हा-दुल्हन घर जा पाए। आदिवासी समाज के युवक-युवती का यह विवाह चर्चा का विषय बना रहा।

जब पुलिस ने पकड़ी शराब

दरअसल, बांका के कुशाहा में 5 अप्रैल को रसिकलाल मुर्मू की बेटी बासमती मुर्मू की शादी होनी थी। बौंसी शोभापाथर का दुल्हा अर¨वद मरांडी बारात लेकर कुशाहा पहुंचे थे। लड़की के परिवार और ग्रामीणों का कहना है कि 5 लीटर देसी शराब शादी की रस्म के लिए रखी गई थी। सूचना मिली तो पुलिस ने शराब रखने के आरोप में प्रधान गोपाल सोरेन को अरेस्ट कर लिया। प्रधान की अबसेंटी में बिना शादी ही 6 अप्रैल की सुबह दूल्हा दूल्हन को लेकर गांव लौटे।

क्या कहते हैं लोग

हालांकि आदिवासी सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष देवनारायण मरांडी ने कहा कि आदिवासी समाज की शादी में ग्राम प्रधान की महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन ऐसा नहीं है कि किसी प्रधान की अबसेंटी में शादी रूक जाए। शादी की रस्म को प्रमाणिक और जोग मांझी पूरी कराते हैं। कुशाहा में ग्रामीण पुलिस पर प्रधान को छुड़ाने का दबाव बना रहे होंगे। धौरैया थानेदार महेश्वर राय ने कहा कि 5 लीटर शराब बरामदगी में प्रधान गोपाल की गिरफ्तारी हुई है।

बाकी रस्म की जा रही पूरी

लेकिन आदिवासी नियमों का हवाला देकर बिन शादी दुल्हा-दुल्हन को गांव में एंट्री नहीं मिली। देर तक उन्हें गांव के बाहर रहना पड़ा। सोच-विचार और वाद-विवाद के बाद लड़का के घर पर ही वहां के प्रधान मांझीराम की मौजूदगी में दोनों की शादी करायी गई। फिर शादी का बाकी रस्म पूरी की जा रही है।

बिना प्रधान शादी मान्य नहीं

लड़की के पिता रसिकलाल मुर्मू ने बताया कि हमारे समाज में प्रधान की मौजूदगी के बिना शादी मान्य नहीं है। जब तक अपने प्रधान की मौजूदगी में शादी नहीं कराएंगे तब तक शादी को नहीं मानेंगे। गरीबी के कारण बारात को ज्यादा नहीं रख सकते थे। इसलिए लड़की-लड़के को बारात संग विदा कर दिया था।