पटना (ब्यूरो)। दैनिक जागरण आई की खबर का बड़ा असर हुआ है। 27 अक्टूबर के अंक में 'शहर में चालू है खोया - पनीर का मिलावटी खेलÓ हेडिंग से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर छपने के बाद फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट में खलबली मच गई। बुधवार को फूड सेफ्टी अफसर अजय कुमार के नेतृत्व में विभाग की टीम ने पटना जंक्शन के पास संचालित अवैध दूध मंडी में छापेमारी की। इस दौरान बड़ी मात्रा में मिलावटी पनीर और खोया जब्त किया गया। पढि़ए विस्तृत रिपोर्ट

एक घंटे हुई कार्रवाई
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में खबर छपने के बाद फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट टीम बुधवार सुबह छापेमारी करने के लिए पटना जंक्शन के पास पहुंच गई। इस सूचना मिलते ही दूध मंडी में हड़कंप मच गया। मिलावटी खोया और पनीर बेच रहे 2 दर्जन से अधिक कारोबारी मंडी छोड़कर भाग गए। फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की टीम ने दूध मंडी में लगभग एक घंटे तक छापेमारी की कार्रवाई की। मंडी सजे सभी स्टॉल पर टीम ने पनीर और खोया की जांच की। जांच में 99 फीसदी पनीर और खोया मिलावटी पाए गए। खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आरारोट और मैदा मिलाकर पनीर तैयार करते हैं जिसे बाजार में 140 से 150 रुपए किलो होटल संचालकों को बेचते हैं। वहां से यही पनीर आम पब्लिक के पास 300 से 350 रुपए प्रति किलो के हिसाब बिकता है। जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।

इस तरह हुई जांच
मिलावटी पनीर और खोया की जांच के लिए विभाग की टीम ने पनीर और खोए के सैंपल को लेकर उसके ऊपर आयोडिन सॉल्यूशन बेटाडीन को डाला। पनीर और खोया पर डालते ही मिलावटी पनीर और खोया काला हो गया है। फूड सेफ्टी अफसर अजय कुमार ने बताया कि यदि पनीर और खोया में मिलावट नहीं रहता तो उसका कलर नहीं बदलता। इसकी जांच के लिए उन्होंने सुधा काउंटर से एक पैकेट पनीर मंगाया। सुधा के पनीर पर भी आयोडिन सॉल्यूशन बेटाडीन को डाला। लेकिन उसका कलर नहीं बदला।

हर दिन लाखों का कारोबार
छापेमारी के दौरान दूध मंडी के स्टॉल पर कई बही खाते भी मिले। जिसमें लाखों रुपए के पनीर और खोया सप्लाई के ऑर्डर लिखे हुए थे। बही-खाता के मुताबिक, पटना जंक्शन स्थित दूध मंडी से दुल्हिन बाजार, पटना सिटी, परसा सहित कई इलाकों में पनीर और खोया की सप्लाई होती है।

बिना लाइसेंस चल रहीं डेयरी
पटना जंक्शन के बाहर संचालित दूध डेयरी बिना लाइसेंस के संचालित हो रही हैं। नाम न छापने की शर्त पर स्थानीय लोगों ने बताया मिलावटी पनीर और खोया की मंडी पिछले कई सालों से यहां चल रही है। वर्ष 2019 में जिला प्रशासन ने इसे हटा दिया गया था। मगर कुछ दिन बाद व्यापारियों ने दोबारा स्टॉल लगाना शुरू कर दिया।

एंबुलेंस में भर कर गया पनीर
पुलि- प्रशासन लोगों के स्वास्थ्य के प्रति कितना जागरुक है। वो इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता हैै।
उनकी ओर से फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट को छापेमारी के दौरान सहयोग नहीं मिल रहा है। दूध मंडी में छापेमारी के दौरान न तो एक कांस्टेबल दिखा और न ही कोई अधिकारी। जब्त पनीर को ले जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस का उपयोग करना पड़ा।


पटना जंक्शन के बाहर स्थित दूध मंडी में डेढ़ कुंटल पनीर और चालिस किलो खोया मिलावटी पाया गया। इन मिलावटी पनीर को जांच कर नष्ट कर दिया गया है।
- अजय कुमार, फूड सेफ्टी अफसर