केमेस्ट्री पेपर स्टूडेंट्स को खूब भाया। बेसिक कांसेप्ट वाले क्वेश्चन के साथ दो ऐसे क्वेश्चन भी आए, जो आईआईटी 2012 में पूछे गये थे। वहीं, एक क्वेश्चन सीबीएसई बोर्ड के एग्जामिनेशन में भी हूबहू पूछा गया था। इसके अलावा फिजिकल केमेस्ट्री से दस क्वेश्चन आ गए, जो आसान रहे।

एआईईईई में आईआईटी का लेवल

फिजिक्स वैसे भी दूसरे पेपर्स के कंपैरिटिव टफ रहता है। एआईईईई 2012 भी एक्सेप्शन नहीं रहा और फिजिक्स ने स्टूडेंट्स को खूब छकाया। हर बार सिंगल कांसेप्ट वाले क्वेश्चन पूछे जाते थे, लेकिन इस बार मल्टी क्वेश्चन वाले क्वेश्चन आए। ग्राफिकल क्वेश्चन की भरमार के साथ फिजिक्स पेपर आईआईटी के स्टैंडर्ड का रहा।

मैथ्स के साथ 50-50

मैथ्स बिहार के स्टूडेंट्स के लिए थोड़ा उनके मन की चीज लगती है। एआईईईई के मैथ्स के पेपर में स्टूडेंट्स को हर बार की तरह इस बार भी मुश्किल नहीं हुई। कैलकुलस से थोड़े कम क्वेश्चन जरूर रहे, लेकिन को-ऑर्डिनेट ज्योमेट्री से अधिक क्वेश्चन आए।

अच्छे कॉलेज के लिए 200 से ऊपर marks

एआईईईई के तीनों पेपर्स में 90 क्वेश्चन पूछे गये थे, जो 360 माक्र्स के थे। हर पेपर में 30 क्वेश्चन थे। इसमें अच्छे कॉलेज में जाने के लिए अंडर 15000 की रैंकिंग को आधार माना जाता है। इस संबंध में इंजीनियर पी। रंजन का कहना है कि क्वेश्चन पैटर्न देखने से लगता है कि 200 से अधिक माक्र्स वालों को अच्छे कॉलेज मिल जाएंगे। जबकि 175 से 200 माक्र्स वालों को 15-20000 रैंक मिल सकेगी।

एआईईईई पर मुन्ना भाइयों का साया

ऑल इंडिया इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जामिनेशन पर लीक के साथ फर्जीवाड़े का भी साया पड़ा। एक दिन पहले से ही क्वेश्चन पेपर लीक की अफवाहें थीं। लेकिन ये अफवाहें तूल नहीं पकड़ीं। एग्जामिनेशन के दौरान 'मुन्ना भाइयों' की धर-पकड़ ने सबको हैरान किया। राजधानी पटना में टोटल 64 सेंटर्स थे जिसमें दो सेंटर्स खासे हंगामेदार रहे। इसमें दानापुर आर्मी स्कूल से दो ऐसे स्टूडेंट्स को पकड़ा गया जो दूसरे की जगह परीक्षा दे रहे थे। वहीं दानापुर सेंट्रल स्कूल में मोबाइल के जरिए एग्जामिनेशन में बाहर से मदद लेने का मामला सामने आया।

एक लाख रुपए लेकर बैठा एनआईटी स्टूडेंट

तीन साल पहले अनुराग ने एआईईईई में अच्छी रैंकिंग लाकर एनआईटी इलाहाबाद में अपनी सीट पक्की कर ली थी। लेकिन एक लाख रुपए के लालच ने उसे दुबारा एआईईईई में बैठने के लिए मजबूर किया। इस बात का खुलासा दानापुर आर्मी स्कूल में अनुराग के पकड़े जाने पर हुआ, जबकि कामेश्वर सिर्फ पांच हजार रुपए के लालच में दूसरे स्टूडेंट की जगह परीक्षा देते पकड़ा गया। वहीं दानापुर सेंट्रल स्कूल में गौरव मोबाइल के इयर फोन लगाकर एग्जामिनेशन देने के आरोप में पकड़ा गया।