पटना ब्यूरो। पटना विश्वविद्यालय के चारों हॉस्टलों को दो महीने के बाद फिर से खोल दिया गया है। इकबाल,नदवी, मिंटो और जैक्सन छात्रावास के खुलने के बाद अब छात्र लौटने लगे हैं। शुक्रवार के दिन जैक्सन छात्रावास में रहने आए छात्र कैंपस की साफ—सफाई करते दिखें। वहीं दूसरी तरफ प्रशासन छात्रावासों पर पैनी नजर रख रही है। इतना ही नहीं रात में पुलिस टीम को जायजा लेने को भी कहा गया है। वहीं हॉस्टल से छात्रों को बाहर किए जाने के बाद उन्हें हो रही परेशानियों को लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने कई बार उनकी आवाज उठाई थी। छात्रों के साथ आईनेक्स्ट की अपील भी काम आई। हॉस्टल को खोल दिया गया। हॉस्टल खुलने पर छात्रों ने क्या कहा। पढ़े रिपोर्ट।
बता दें कि बीते वर्ष 8 दिसंबर को पटना कॉलेज के मिंटो, जैक्सन, इकाबाल व नदवी हास्टल को सील कर दिया गया था। विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कदम हास्टल के छात्रों के बीच बमबाजी, गोलबारी, मारपीट के बाद उठाया था। राजभवन की सख्ती के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल से बनाए गए वीडियो से मारपीट करने वाले छात्रों को चिह्नित करने में जुटी थी.वहीं छात्र लगातार हॉस्टल खोलने की मांग कर रहे थे।
छात्र नेता रवि भूषण कुमार ने बताया कि आज से पटना कॉलेज के सभी छात्रावासों को खोल दिया गया हैं। जिसका श्रेय संघर्ष कर रहे सभी छोटे भाइयों को जाता हैं। विगत कुछ महीनों से पटना कॉलेज के अंतर्गत छात्रावास में रह रहे सभी छात्र शांति पूर्ण आंदोलन कर रहें थे ताकि सभी छात्रावासों को खोल दिया जाए। क्योंकि यहां रह के पढ़ने वाले सभी छात्र मध्यवर्गीय, किसान, मजदूर परिवार से आते हैं। जो की छात्रावास से बाहर रहकर अपनी पढ़ाई का खर्च नहीं उठा पाते हैं।
जैक्सन हॉस्टल के छात्र रवीश कुमार ने बताया कि बहुत खुशी हो रही है। हमलोग अब सरस्वती पूजा की तैयारी में लगे हुए हैं। हॉस्टल बंद होने से बहुत परेशानी हुई। बहुत सारे छात्र दूरदराज सं यहां पढ़ने आते हैं। कई छात्र तो ऐसे रहे जो घाट पर सो जाते थे।
वहीं छात्र रंजन क्रांति ने बताया कि हम लोगों ने हॉस्टल खुलवाने के लिए पटना कॉलेज के प्राचार्य, डीन आफिस, वीसी, राज्यपाल तक गए। आखिरकार संघर्ष की जीत हुई। हॉस्टल बंद होने के बाद भूख हड़ताल तक करनी पड़ी थी। अब हम लोग मिलजुलकर रहेंगे। अपने भविष्य के बारे में सोचेंगे।