-मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया फैसला

-सीबीएसई की परीक्षाएं नहीं होंगी स्थगित

PATNA : कोरोनावायरस के कहर से पूरी दुनिया सहमी हुई है। इसका असर पटना में भी देखने को मिल रहा है। राजधानी सहित पूरे राज्य में कोरोना के संदिग्ध मरीज मिल रहे है। कोरोनावायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए एहतियात के तौर पर सरकार ने कदम उठाए हैं। सरकार ने सभी गवर्नमेंट और प्राइवेट स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में फैसला लिया गया। गांधी मैदान में 22 मार्च तक होने वाले बिहार दिवस के तीन दिवसीय आयोजन को रद्द कर दिया गया है। मुख्य सचिव ने बताया कि अप्रैल में आयोजन की नई तारीख तय की जाएगी। वहीं एम्स, पीएमसीएच और आईजीआईएमएस में भी कोरोना की जांच की व्यवस्था शुरू होगी। फिलहाल पटना के आरएमआरआई में जांच की सुविधा है। इस बीच, सीबीएसई की ओर से कहा गया है कि मैट्रिक और इंटर की परीक्षाएं स्थगित नहीं होंगी।

142 मरीज थे आब्जर्वेशन पर

मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि कोरोनावायरस का बिहार में एक भी मामला सामने नहीं आया है। 142 मरीजों को आब्जर्वेशन में रखा गया था जिनमें से 73 को घर भेज दिया गया है। शेष की जांच चल रही है। कोराना वायरस काफी तेजी से फैलता है। इस वजह से एहतियातन कई निर्णय लिए गए हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि स्कूलों में फिलहाल किसी तरह की परीक्षाएं नहीं चल रहीं। जहां कहीं सरकार के अधीन चलने वाले कॉलेज और विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं इस महीने में शिड्यूल है उन्हें भी स्थगित किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने कहा कि स्कूल बच्चों के लिए बंद किए गए हैं। शिक्षकों को स्कूल आना है।

जारी रहेंगी सीबीएसई की परीक्षाएं

कोरोनावायरस की वजह से सीबीएसई की परीक्षाएं स्थगित नहीं होंगी। सीबीएसई ने कहा है कि परीक्षाएं पूर्व के भांति आगे भी जारी रहेंगी। सीबीएसई के एग्जाम कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने बताया कि कोरोना को लेकर सीबीएसई की परीक्षाओं में कोई बदलाव नहीं किया गया है। स्कूलों में कोरोना के मद्देनजर विशेष सावधानी बरतने का निर्देश स्कूलों को दिया गया है। सीबीएसई ने सभी स्कूलों के केंद्राधीक्षक को निर्देश दिया है कि यदि कोई छात्र कोरोना से बचाव के लिए मास्क लगाकर परीक्षा देना चाहता है तो, उसे इजाजत दी जाएगी। इसके अलावा स्कूल प्रशासन समुचित मात्र में हाथ धोने के लिए सेनेटाइजर की व्यवस्था करेगा। स्कूल एवं बाथरूम की सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। यदि स्कूलों में परीक्षार्थी को किसी तरह की परेशानी होती है, तो तुरंत उन्हें अस्पताल भेजने की व्यवस्था होगी। स्कूलों में प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था पहले से ही करने का निर्देश दिया गया है।

ये रहेंगे बंद

-सिनेमा हॉल

-पार्क

-चिडि़याघर

-म्यूजियम

-ज्ञान भवन

-बापू सभागार

-एसके मेमोरियल

-स्पो‌र्ट्स

सरकारी कर्मियों के लिए होगी नई व्यवस्था

मुख्य सचिव ने बताया कि बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सरकारी दफ्तरों में रोटेशन के आधार पर कर्मियों को बुलाया जाए। अगर 10 कर्मचारी किसी दिन आते हैं तो उन्हें अगले दिन नहीं बुलाया जाए। सरकारी दफ्तरों में कंजेशन न हो इसका ध्यान रखा जाए। मुख्य सचिव ने बताया कि सोमवार को इस बारे में अलग आदेश जारी किया जाएगा।

डॉक्टरों और कर्मचारियों की की छुट्टी रद्द

कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए नालंदा मेडिकल कॉलेज (एनएमसीएच) में कक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। एनएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ। विजय कुमार गुप्ता ने बताया कि कॉलेज और अस्पताल के सभी डॉक्टरों, नर्सों और कर्मचारियों की छुट्टी तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई है। सभी को अपनी ड्यूटी पर तैनात रहने का आदेश जारी किया गया है। किसी को भी छुट्टी नहीं दिए जाने का निर्देश विभागाध्यक्ष एवं संबंधित अधिकारी को दिया गया है।

एम्स, पीएमसीएच और आईजीआईएमएस में भी जांच

कोरोना वायरस जांच की व्यवस्था फिलहाल पटना के आरएमआरआई में ही है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया पटना में पीएमसीएच, आईजीआईएमएस और एम्स में भी इसकी जांच की व्यवस्था शुरू की जा रही है। इलाज की व्यवस्था और दुरुस्त करने को लेकर सौ अतिरिक्त वेंटिलेटर की भी व्यवस्था की जा रही है। मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि बिहार ने अभी कोरोनावायरस को लेकर एपिडेमिक एक्ट नहीं लागू किया है। मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार इसके विशेषज्ञों के संपर्क में भी है। जांच के लिए इंफ्रारेड थर्मामीटर की उपलब्धता के संबंध में पूछे जाने पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि इसकी कोई कमी नहीं है। वैसे भी इसकी कीमत 15 से 16 सौ रुपए की बीच है। बिहार-नेपाल सीमा पर चल रहे 49 मेडिकल कैंप में इस थर्मामीटर का इस्तेमाल किया जा रहा है।