- शहर की सेलीब्रीटीज ने छात्राओं को दिए सफलता के मंत्र

PATNA :

हर साल हम महिला दिवस मनाते हैं और लड़कियों की सुरक्षा की बात करते हैं लेकिन फिर भी महिलाओं पर अत्याचार में कमी नहीं हो रही है। इससे निपटने के लिए लड़कियों को अपनी आवाज बुलंद करनी होगी। वो जब तक खुद को महत्व नहीं देंगी तब तक कोई उनको सम्मान नहीं देगा। इन बातों के साथ दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के नारी द फाइटर कार्यक्रम में शहर की नामचीन हस्तियों ने अपने विचार रखे। मगध महिला कॉलेज में आयोजित इस कार्यक्रम में प्राचार्या शशि शर्मा, महिला थाना अध्यक्ष आरती जयसवाल, पीजी हेड शेफाली रॉय, लेखिका एवं समाज सेवी ममता मेहरोत्रा और बिहार राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य और जेडीयू नेत्री रीना कुमारी मौजूद रही।

अपने अंदर की ताकत पहचाने

समाजसेवी ममता मेहरोत्रा ने कहा कि लड़कियों में शुरू से मजबूत होती है बस उनको अपने अंदर की इस ताकत का अंदाजा नहीं होता है। मेरी दादी मेरी मोटिवेशन रही है उन्होंने कभी लड़कियों को कम नहीं समझा। डॉ। शशि शर्मा ने स्टूडेंट को मोटिवेट करते हुए कहा कि जब भी लड़कियां आत्मनिर्भर बन जाती हैं तो वे न सिर्फ गलत का विरोध करती है बल्कि दूसरों की भी मदद कर सकती हैं। ऐसे में हर स्टूडेंट ये तय कर ले कि उसे आत्मनिर्भर बनना है। कभी अपनी कमजोरी बाहरवालों के सामने जाहिर नहीं करनी चाहिए।

मेहनत का नहीं होता है शॉर्टकट

महिला थाना अध्यक्ष आरती जायसवाल ने छात्राओं को जागरूक करते हुए कहा कि नौकरी करने के दौरान कई बार लड़कियां शॉर्टकट के रास्ते अपना लेती हैं जो न सिर्फ इनके मेहनत को खत्म करता है बल्कि ये एक तरह के ट्रैप में फंस जाने वाला होता है। खासकर स्टूडेंट्स को ये समझना चाहिए। कभी कुछ भी अलग और अजीब लगे तो तुरंत उसकी शिकायत करनी चाहिए। महिला थानाध्यक्ष में छात्राओं को अपना नंबर दिया और किसी तरह की शिकायत होने पर तुरंत कार्रवाई का भी निर्देश दिया।

देर होने पर दे घर में सूचना

कार्यस्थल पर देर होने, घर में पूछताछ करने जैसे सवाल पर विशेषज्ञों ने जबाव देते हुए कहा कि हमेशा कोशिश करें कि घर समय से पहुंचे, देर होने पर सूचना दे या फिर परिवार को स्थिती से अवगत कराए। इससे न सिर्फ वे सुरक्षित रहेगी बल्कि, कई परेशानियों से बच सकेंगी। इसके साथ ही स्मार्ट फोन में सुरक्षा के कई फीचर होते है उसका इस्तेमाल करे।

हर स्त्री का करें सम्मान

कार्य स्थल हो या फिर घर या दोस्तों की टोली, किसी लड़की को मजाक का पात्र ना समझें। रीना कुमार ने कहा कि कहा जाता है कि स्त्री ही स्त्री की सबसे बड़ी दुशमन होती है। इस विचार से बाहर निकले। महिला अगर दूसरी महिला का सम्मान करेगी तब ही ये धारणा टूट पाएगी। नए जेनरेशन को ये सीखना और समझना होगा कि खुद की इज्जत कैसे करें। वहीं शेफाली रॉय ने कहा कि सिर्फ फैशन और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल ही मॉर्डनाइजेशन नहीं है बल्कि इसके लिए मॉडर्न बनना पड़ेगा।

- न गलत करें न ही गलत होने दें

- स्कूल, कॉलेज, ऑफिस या घर कहीं भी कोई अश्लील हरकत करता हो तो उसका विरोध करें।

- कोई घूरे तो उसे अवॉइड न करें

- घर में दहेज न लें, न दें और किसी तरह की हिंसा को बर्दाश्त न करे।

लड़कियों को एजुकेशन के साथ कॉफिडेंस देना जरूरी है जिससे वे गलत का विरोध कर सके। आने जाने के क्रम में कोई परेशानी आए तो कॉलेज को सूचना दें।

शशि शर्मा, प्राचार्या, मगध महिला कॉलेज

लड़कियां शिक्षित और आत्मनिर्भर बनके ही समाज की इस असमानता को दूर कर सकती हैं। कभी गलत व्यवहार को बर्दाश्त न करें। विरोध नहीं करने से चीजें बढ़ती हैं।

- ममता मेहरोत्रा, लेखिका एवं समाजसेवी

मेहनत से कभी घबराए नहीं। वही आपको आगे ले जाएगी। समाज में जो भी बुराइयां हैं उसे अपने घर से दूर करें। खुद को इस काबिल बनाएं कि आपकी बात मानी जाए।

- शेफाली रॉय, पीजी हेड, पटना यूनिवर्सिटी

भेदभाव शुरू से होता आ रहा है। इसका विरोध करें। जो भी आपको मानसिक और शारिरिक रूप से प्रताडि़त करे, उसका विरोध करें, उसे सजा दिलवाएं

- रीना कुमारी, पूर्व सदस्य, बिहार राज्य महिला आयोग

लड़कियां काम काज के दौरान या घर से बाहर हमेशा अलर्ट मोड मे रहें। कुछ भी गलत हो रहा हो तो उसके खिलाफ आवाज उठाएं ।

- आरती जायसवाल, थानाध्यक्ष, महिला थाना