-अनंत सिंह को सुबह 8.30 बजे फ्लाइट से लाया गया पटना

-सुरक्षा को देखते हुए वीआईपी गेट से पुलिस ने निकाला बाहर

-किसी को भनक तक नहीं लगी और एयरपोर्ट से निकाल दिए गए अनंत सिंह

 

पटना : ऐके-47 और हैंड ग्रेनड मिलने के बाद विवादों में घिरे बाहुबली व मोकामा विधायक अनंत सिंह ने पिछले 48 घंटे में तिहाड़ जेल से बिहार तक का सफर पूरा किया है। सोमवार सुबह 8.30 बजे बाढ़ एएसपी लिपी सिंह उन्हे फ्लाइट से लेकर पटना पहुंची। अनंत सिंह के आने की खबर मिलते ही उनके समर्थक और मीडिया की भीड़ लग गई थी। सुरक्षा को देखते हुए उन्हे वीआईपी गेट से बाहर निकाल गया। हैरानी की बात ये है अनंत सिंह के समर्थक और मीडिया मेन गेट पर बाहर इंतजार करती रही लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी कि कब उन्हे वहां से निकाल दिया गया। पुलिस अनंत सिंह को कैदी वैन में बैठाकर सीधे बाढ़ कोर्ट के लिए रवाना हो गई। वहां पर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने अनंत सिंह को 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। 30 अगस्त को अनंत सिंह को पुलिस बाढ़ कोर्ट में फिर से पेश करेगी।

पीआईपी गेट पर पहले से ही खड़ी थी वैन

रविवार सुबह करीब 8.30 बजे फ्लाइट पुलिस पटना एयरपोर्ट पर पहुंच गई। एग्जिट गेट पर ही पहले से ही पुलिस की गाड़ी खड़ी थी। जैसे ही वो लिपी सिंह अनंत सिंह को लेकर बाहर निकली। उन्हे कार में बैठाया गया। इसके बाद उन्हे सीधे लेकर पुलिस निकल गई। अनंत सिंह के एयरपोर्ट पर आने की सूचना पर भारी संख्या में उनके समर्थक पहुंच गए थे। एयरपोर्ट पर दो घंटा पहले ही करीब 500 पुलिस जवानों को तैनात कर दिया गया था। सिटी एसपी, डीएसपी सहित अन्य आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। इसके साथ ही पटना के सभी थाने को अलर्ट कर दिया गया था।

 

बेऊर ले जाने के दौरान एक जैसे दो कैदी वैन

सुरक्षा के सवाल अपनी जगह भले ही सही हों, लेकिन अनंत सिंह को एयरपोर्ट के वीआइपी गेट से बाहर निकाले जाने की आलोचना हो रही है। एसपी अभियान ने मीडिया को बताया कि सुरक्षा को लेकर ऐसा किया गया था। इतना ही नहीं, अनंत सिंह को बाढ़ से बेऊर तक लाने के दौरान एक जैसे दो कैदी वाहनों को भी रखा गया, ताकि किसी को पता नहीं चले कि वे किस वाहन में हैं।

 

22 गाड़ी और 12 थाने की लगी थी पुलिस

अनंत सिंह के पटना आने के बाद एसएसपी गरिमा मलिक ने सभी थाने को अलर्ट कर दिया। बाढ़ कोर्ट ने जब अनंत सिंह को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया तो पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि कैसे सुरक्षित तरीके से बेउर जेल लेकर जाया जाए। इसके लिए 22 वाहन लगाया और 12 थाने की पुलिस को लगाया गया। इसके बाद उन्हे सुरक्षित लेकर पुलिस जेल पहुंची।

 

अनंत को एक झलक देखने को बेताब थी पत्‌नी नीलम

इस बीच अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने पुलिस पर बड़ा आरोप लगाया है। उनके अनुसार पुलिस ने सुबह में उनके घर को घेरकर बाहर निकलने ही नहीं दिया। पुलिस ने बाहर से भी किसी को अंदर नहीं आने दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिली थी कि अनंत सिंह की तबीयत खराब है और वे उनकी एक झलक देखना चाहतीं थीं।

 

पहले जिस वार्ड में थे उसी में रहेंगे अनंत

अनंत सिंह को डिविजन वार्ड में रखा गया है। इससे पहले जब वो जेल गए थे तो उसी जेल में रहे हैं। उन्हे डिविजन वार्ड के ब्लॉक ए में रखा जाएगा। अनंत सिंह के जेल में जाने के बाद जेल प्रबंधन को अलर्ट कर दिया गया है। हर घंटे-घंटे पर उनके बैरक की निगरानी की जा रही है। उनके जरूरतों को ध्यान में रखा जा रहा है।

 

जेल में भिजवाया गया कपड़ा और दवाई

जब बाहुबली अनंत सिंह को बेउर जेल भेज दिया गया तो उसके बाद उनके परिवार के लोगों द्वारा ब्लड प्रेशर, दर्द , आंख की दवा भिजवाई गई। इसके साथ ही उनके कपड़े भी भेजे गए। हालांकि इन सभी दवाई को पहले गेट पर चेक किया गया। इसके बाद डॉक्टरों के पैनल से उसे दिखाया गया। जब डॉक्टरों ने अनुमति दे दी तब वो दवाई अंदर भेजी गई।

 

चने की दाल, मिक्स सब्जी खाए अनंत सिंह

अनंत सिंह को जब जेल ले जाया गया तब दोपहर का समय हो गया था। मैनुअल के हिसाब से उन्हे दोपहर का खाना दिया गया। दोपहर में उन्होंने चने की दाल, आलू और बोरो की मिक्स सब्जी, अचार और रोटी खाई। खाने खाने के बाद वो अपने वार्ड में चले गए। जेल में बिलकुल वो सामान्य दिख रहे थे।

 

क्या है पूरा मामला

विदित हो कि अनंत सिंह के पैतृक आवास से पुलिस ने एके 47 व हैंड ग्रेनेड आदि बरामद किए थे। इस मामले में फरार चल रहे अनंत सिंह को पुलिस तलाश रही थी। अनंत सिंह ने एक के बाद एक तीन वीडियो जारी कर कहा था कि वे पुलिस नहीं, कोर्ट के समक्ष सरेंडर करेंगे। उन्होंने पुलिस पर जनता दल यूनाइटेड के साथ मिलकर खिलाफ साजिश करने का भी आरोप लगाया था। इसके बाद उन्होंने शुक्त्रवार को दिल्ली के साकेत कोर्ट में सरेंडर कर दिया। अनंत सिंह को रविवार की सुबह पटना एयरपोर्ट के वीआइपी गेट से निकालकर बाढ़ कोर्ट ले जाया गया, जहां से उन्होंने बेऊर जेल भेज दिया गया।