पटना ब्यूरो।वाइटल इंवेंशन ऑफ सोशल हारमोनी विथ आर्ट एवं विश्वा पटना की ओर से कालिदास रंगालय में राइडर्स तो द सी का मंचन किया गया। नाटक में ऐसे परिवार की कहानी दिखाई गई जोसमुद्री टापू पर रहता है। परिवार में मां अपने दो बेटियों और एक बेटे के साथ रहती है। उस स्त्री ने अपने पति और अपने चार बेटों को समंदर में खो दिया है। अब घर में कमाने वाला सिर्फ एक ही बेटा बचा है और वो भी घोड़े बेचने टापू के पार जा रहा है। मां को ये डर है कि रात होने तक उसका कोई भी पुत्र जीवित नहीं रहेगा इसलिए वो अपने बेटे को समंदर में नहीं जाने को कहती है पर बेटा रुकता नहीं है। अपने अकेले बचे बेटे के भी समंदर में जाने से मां विक्षिप्तता की स्थिति में भ्रम और सच्चाई के बीच संघर्ष करती है। उसे अपने सारे खोए हुए बेटे नजर आने लगते हैं। अंत में उस मां का सामना सच से होता है जब उसका अंतिम बेटा भी समंदर की उफान मारती लहरों में डूब जाता और उसकी लाश घर में आती है। तब वो मां कहती है कि एक दिन सब चले ही जाते हैं बस हमें सब्र करना चाहिए और उम्मीद का दामन थाम कर जीवन को जीते रहना चाहिए।
![... और एक दिन सब चले ही जाते हैं](https://img.inextlive.com/inext/1222024/natak 33.jpg)
By: Inextlive | Updated Date: Mon, 12 Feb 2024 19:10:29 (IST)