पटना (ब्यूरो)।संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से रंगसृष्टि, पटना की नवीनतम प्रस्तुति भिखारी ठाकुर लिखित नाटक बेटी वियोग का मंचन सनत कुमार के निर्देशन में किया गया.बेटी वियोग के मंचन के शुरूआत में कलाकारों का पूरा समूह मंच पर उपस्थित होता है जिसमें पंच का कई सवालों के साथ प्रवेश होता है जिसमें आग्रह किया जाता है कि रंगकमीयों और कला समीक्षकों को नाटक देखकर समीक्षा करनी चाहिए, इसी नसीहत के साथ लाटक आगे बढ़ता है.
एक पिछड़े इलाके का किसान जो आर्थिक रूप से कमजोर है वह अपनी बेटी की शादी कराना चाहता है, पर उसके पास दहेज देने के लिए कुछ भी नहीं है। उस किसान (वटक) का जमीन भी गीरवी रखी हुई है। पिछड़े क्षेत्रों के गाँवों में जब बहुत उम्र होने के बावजूद किसी धनी व्य1ित के पुत्र की शादी किसी कारण से नहीं होती थी तो वह अपने जाति या किसी न्य जाति के किसी गरीब, जरूरतमंद और लाचार व्य1ित की लडकी खरीदकर व्याह रवाता था, ताकि उसकी वंश-परंपरा चल सके। ऐसी शादियों में अक्सर उम्र की दृष्टि से बेमेल व्याह होते थे। ऐसी शादीयों में लड़के वाले लड़की वाले को रूपया देते थे। और लड़की वाले अपनी लड़की बेचते थे.
गाँव के एक पंडि़त की मदद से जवार के ही एक गाँव बकलोलपुर में दोलो जाकर झंटुल नामक एक धनी बिमार बुढे व्य1ित से बात चीत की जिसका व्याह किसी कारण पहले नहीं हो सका था। चटक और पंडि़त का प्रस्ताव मान लेता है। चटक ने सोलह सौ रूपया में जो आज दस लाख के बराबर होगा पर अपने बेटी को बेचने का सौदा कर लिया। चटक ने उस राशी में से दो सौ रूपया पंडि़त जी को देने का वादा किया। उपातो दुल्हा को देख कर खुब बिल्खी येई किन्तु परम्परा के अनुसार वह विदा को ससुरार चलि गई। भारी मन और उद्वेग से ससुयर चली जाती है.
लडकी को परम्परा के अनुसार विदाई कर दिया जाता है। जब लडकी ससुरार जाती है तो उसे मालुम होता है कि उसका पति सुहाग का सुख भी नहीं दे पाएगा, सब्र का बांध टूट जाता है और भाग कर नईहर आ जाती है.
लडकी रो रो कर माता-पिता और समाज को दोषी करार देती है। इसके धार्मिक नैतिकता और परम्परा का दुहाई देकर उसे अपने पति के साथ जाने को है। लडकी को हर हाल में अपने पति के साथ ही जाना होगा चाहे वह बिमार और न हो। समाज का यह भयानक चेहरा भी सामने आता है। समाज जब तक जागता है बहुत देर हो चुका रहता है। लडकी फांसी लगाकर जान देती है। इस दृश्य से चटक और उसकी पत्नी की नीद्रा टूटती है। सभी से निहोरा करते है कि लडकी की शादी ऐसा जगह करें की वह हमेंशा खुश रहे। इस प्रस्तुति को दर्शकों ने खुब सराहा.