पटना (ब्यूरो)। मुम्बई के मरीन ड्राइव की तर्ज पर बना पटना मरीन ड्राइव का निर्माण अब अंतिम चरण में है। इसका उद्घाटन 4 जून को होने वाला है। दीघा से एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट तक का कॉरिडोर बनकर तैयार है। यादि गांधी मैदान तक अभी से ही गाडिय़ां फर्राटा भर रही है। करीब साढ़े छह किलोमीटर के कॉरिडोर में दो-दो लेन का रोड है। वहीं, दीघा की ओर में जो रोटरी बनना था वह तैयार हो गया है और यहां हाईमास्क लाइट लगाया गया है। यह पटना के लिए बेहद खास कॉरिडोर है जो कि आने वाले समय में यह अटल पथ को कनेक्ट करेगा, सीधा एम्स-दीघा कॉरिडोर को कनेक्ट करेगा। इस प्रकार, यह लैंडमार्क सड़क होगा। मरीन ड्राइव पटना के लिए एक प्रकार से ऑक्सीजन का काम करेगा क्योंकि इसके पूरी तरह से चालू हो जाने के बाद से यह अशोक राजपथ समेत अन्य प्रमुख प्वाइंट पर भी जाम से निजात दिलाने में बहुत राहत देने वाला है। अभी दीघा से लेकर एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट तक का बिटूमिनस वर्क पूरा होने के बाद अन्य छोटे -छोटे काम भी पूरे किये जाएंगे। बीएसआरडीसी के अधिकारियों के मुताबिक इसके बाद यह पूरी तरह से रेडी हो जाएगा।
बिटृमिनस वर्क हो गया है पूरा
दीघा से एनएन सिन्हा इंस्टीट्यूट तक मरीन ड्राइव पर सबसे तेजी से काम कर लिया गया है। यहां पर फाइनल पिचिंग हो गया है। बिटूमिनस वर्क पूरा कर लिया गया है। सेतु के 150 मीटर पूरब 50 मीटर गोलाकार गोलंबर बन रहा है। दीघा रोटरी और जेपी सेतु के बीच रेलवे द्वारा गाइड बांध है। इस गोलंबर से अटल पथ को मिलाने का काम तेजी से बनाया गया है। बीएसआरसीडी के एक उच्च अधिकारी के मुताबिक इस महीने के अंत तक इसे अटल पथ और मरीन ड्राइव को जोड़ लेने का लक्ष्य है। अब तक दीघा से एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट तक का बिटूमिनस वर्क हो चुका है। जल्द ही पीएमसीएच को भी कनेक्ट कर लिया जाएगा। इसके लिए यहां पर काम तेज गति से किया जा रहा है। इसके अलावा बिजली के पोल, रोड सेफ्टी के लिए क्रैश बैरियर, रोड मार्किंग, साइनेज बोर्ड आदि अन्य कई प्रकार के काम अभी बचे हुए हैं। गंगा मरीन ड्राइव अब लगभग पूरे शेप में आ चुका है। एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के पास रोटरी भी बनकर तैयार है, जो उपर से दिखने में काफी सुंदर नजर आ रहा है।


रोटरी से चेंज कर सकेंगे रास्ता
पीएमसीएच को सुविधा देने के मकसद से 4 लेन की सड़क कनेक्टिविटी दी जा रही है। एम्स-दीघा पथ, जेपी सेतु एवं आर ब्लॉक-दीघा पथ से सम्पर्क के लिए दीघा छोर पर विश्व स्तरीय रोटरी का निर्माण किया जा रहा है जिससे इन तीनों मार्गों से आने वाले वाहन सुगमतापूर्वक गंगा पथ पर जा सकेंगे। रोटरी से एम्स के लिए, आर ब्लॉक के लिए और जेपी सेतु से कनेक्ट होना आसान हो जाएगा। गंगा पाथ-वे के बन जाने से राजधानी में एक छोर से दूसरे छोर पूरब से पश्चिम के बीच अशोक राजपथ पर वाहनों के बढ़ते दवाब को कम किया जा सकेगा। इसके लिए आठ स्थानों पर सम्पर्क पथों की व्यवस्था है।

लोग वॉक भी कर सकेंगे
दीघा से एनएन सिन्हा इंस्टीट्यूट तक पाथवे की दोनों तरफ पांच-पांच मीटर चौड़ाई में 60 हजार पेड़ लगाए जाएंगे। इसके लिए मिट्टी भरने का कार्य पूरा हो गया है। वहीं, पाथवे के उत्तर गंगा किनारे तरफ से 5 मीटर चौड़ा पाथवे बनेगा। इसपर लोग सुबह-शाम टहल सकेंगे। इससे गंगा किनारे का उन्हें काफी अच्छा व्यू मिलेगा और उनका एक्सरसाइज करने और टहलने का आनंद दोगुना हो जाएगा।

अंडरपास से पहुंच सकेंगे गंगा तट तक
मरीन ड्राइव में केवल हाई स्पीड ट्रैवलिंग का ही नहीं, बल्कि सामाजिक और धार्मिक कार्यों में सहूलियत देने का भी प्रयास है। इसके लिए धार्मिक एवं सामाजिक कार्य के लिए गंगा नदी के तट पर पहुंचने हेतु कुल 13 स्थानों पर अंडरपास का निर्माण किया गया है। जिससे आम जन आसानी से अपने धार्मिक व सामाजिक कार्य गंगा तट पर कर सकेंगे।

पोजेक्ट - एक नजर में
दीघा से दीदारगंज तक 20.50 किमी लम्बी इस परियोजना की आवंटित राशि 3390 करोड़ की है। जिसमें एएन सिन्हा इन्स्टीच्यूट के पास से गायघाट, कंगनघाट होते हुए पटना घाट एवं धर्मशाला घाट से पुराने नेशनल हाई-वे दीदारगंज तक कुल 11.70 किमी एलीवेटेड रोड एवं कुल 8.80 किमी पथांश बांध पर है।