पटना ब्‍यूरो । गॉल ब्लाडर कैंसर एक अपेक्षाकृत दुर्लभ कैंसर है और अन्य कैंसरों की तुलना में आम लोगों को इसके बारे में कम जागरूकता है। लोगों को गॉल ब्लाडर कैंसर के लक्षण और जोखिम के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है और यही इसके बढऩे का सबसे बड़ा कारण है। ऐसे में गॉल ब्लाडर के कैंसर के लक्षणों का पता लगते ही विशेषज्ञ डॉक्टरों से मिलना चाहिए और इसके फैलने से पहले उपचार शुरू कर देना चाहिए। गॉल ब्लाडर कैंसर जागरूकता माह के अवसर ये बातें जाने-माने कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ। अभिषेक आनंद ने कहीं। उन्होंने बताया कि बिहार में इन दिनों गॉल ब्लाडर कैंसर के मरीज काफी संख्या में मिल रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि गंगा के तटीय के लोगों में गॉल ब्लाडर कैंसर के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गॉल ब्लाडर कैंसर पेट से संबंधित एक कैंसर है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गॉल ब्लाडर में असामान्य कोशिकाएं तेज़ी से बढऩे लगती हैं और ट्यूमर का निर्माण करती हैं। उन्होंने बताया कि पेट में दर्द, पेट में सूजन, भूख न लगना, वजन कम होना, मतली और उल्टी, थकान, पीलिया, मल का रंग हल्का होना और पेशाब का रंग गहरा होना गॉल ब्लाडर कैंसर के प्रमुख लक्षण हैं।