पटना (ब्यूरो)। गीले और सूखे कचरे का प्रबंधन और जैविक उर्वरक बनाने, कम कीमत पर पटनाइट्स को जैविक उर्वरक उपलब्ध कराने की उद्देश्य से पटना नगर निगम की ओर से कंकड़बाग अंचल के निगम कार्यालय के पास साल 2021 में ऑर्गेनिक वेस्ट कम्पोस्टर मशीन लगाया गया था। गीले और सूखे कचरे से जैविक उर्वरक बनना भी शुरू हुआ। शुरूआती समय में लोगों को जैविक उर्वरक फ्री में उपलब्ध कराया गया। मगर सितम्बर 2022 में मशीन में तकनीकी खराबी आने की वजह से मशीन बंद हो गया। तीन माह गुजरने के बाद मशीन को ठीक कराने के लिए न तो निगम के अधिकारी आगे आ रहे हैं न ही विभागीय कार्रवाई हो रहा है। पढि़ए रिपोर्ट।

-तकरीबन 90 लाख रुपए हुआ था खर्च
ऑर्गेनिक वेस्ट कम्पोस्टर मशीन प्लांट में काम करने वाले कर्मचारी नाम न छापने के शर्त पर बताया कि मशीन को इंस्टॉल करने तक तकरीबन 90 लाख रुपए खर्च हुआ था। शुरूआती समय में एक दो बार खराब हुआ लेकिन निगम की ओर से ठीक करवा लिया गया था। सुपरवाइजर रॉकी ने बताया कि सितम्बर 2022 में मशीन के अंदर लगे पैनल खराब हो गया था। जिसे निगम की ओर से ठीक करवा लिया गया। अब बिजली सप्लाई में तकनीकी खराबी हो गई है। जिस वजह से मशीन बंद है। निगम के पास इसकी जानकारी है। जल्द ही मशीन चालू हो जाएगा।

-गार्डेन को करना था हर-भरा
निगम के कर्मचारियों ने बताया कि आम पब्लिक के घरों में लगे गार्डेन और बाग-बगीचे को हरा भरा करने के लिए निगम की ये ड्रीम प्रोजेक्ट है। शुरूआती समय में पटनाइट्स को जैविक उर्वरक निशुल्क मुहैया हो रहा था। बाद में पटनाइट्स को मामूली शुल्क पर उपलब्ध कराने की बात कही गई थी। मगर उससे पहले ही मशीन खराब हो गई।

-कचरे का निस्तारण हो रहा था आसानी से।
गिले और सूखे कचरे के निस्तारण के लिए राजधानी के कई अंचलों में ऑर्गेनिक वेस्ट कम्पोस्टर मशीन लगाया गया। गिला और सूखा कचरा को प्रॉसेसिंग करने के बाद 30 घंटे के अंदर ही कचरा अपना स्वरूप बदलकर जैविक उर्वरक का रूप ले रहा था। मगर कंकड़बाग अंचल में कुछ दिन चलने के बाद मशीन खराब हो गई।