डिप्टी सीएम व पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बताया कि 13 जनवरी को उन्होंने सड़क निर्माण में लगी उन सभी कंपनियों के प्रतिनिधियों को पटना बुलाया है, जो सूबे के अलग-अलग हिस्सों में सौ करोड़ रुपए से अधिक की सड़क योजनाओं पर काम कर रही हैं। पटना में इनकी बैठक कर उन्हें आश्वस्त करना है कि सरकार किसी भी हाल में रंगदारों या नक्सलियों के दबाव में निर्माण कार्य को प्रभावित नहीं होने देगी.
निर्माण कंपनियों को फुल प्रूफ सुरक्षा
डिप्टी सीएम ने कहा कि सौ करोड़ से अधिक की निर्माण कंपनियों को फुल प्रूफ सुरक्षा उपलध कराई जाएगी। 13 जनवरी को होने वाली बैठक में संबंधित निर्माण एजेंसी से स्पष्ट तौर पर यह पूछा जाएगा कि उन्हें रंगदारी या फिर लेवी से संबंधित कोई समस्या है तो सीधे बताएं। उसी वक्त उसपर निर्णय होगा। पथ निर्माण विभाग ने जिलों के पुलिस कप्तान से यह सूची भी मांगी है कि उनसे संबंधित जिले में जो निर्माण एजेंसी काम कर रही है उनके द्वारा अपराधी या नक्सली से त्रस्त रहने या फिर इस तरह की संभावना के बारे में कोई सूचना दी गई है या नहीं। सूचना अगर है तो उस पर किस तरह की कार्रवाई हुई.
शिकायत हुई तो खोला जाएगा आउट पोस्ट
नई व्यवस्था के तहत पथ निर्माण विभाग ने तय किया है कि अगर निर्माण कंपनी को जरूरत पड़ी तो उनके प्रोजेक्ट साइट या कैंप के समीप पुलिस आउट पोस्ट या कैंप भी तुरंत खोला जाएगा। निर्माण कार्य में लगे लोगों की सुरक्षा में कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। जिन कंपनियों द्वारा किसी तरह की कोई शिकायत नहीं भी है उनके प्रोजेक्ट साइट व कैंप में नियमित रूप से पुलिस गश्त का निर्देश दिया गया है। गश्त हो रही है या नहीं इसकी मॉनिटङ्क्षरग भी की जाएगी.
रंगदारी की सूचना तत्काल होगी अपडेट
रंगदारी से संबंधित अगर कोई गंभीर शिकायत है तो निर्माण कंपनी को इसकी सूचना तत्काल पथ निर्माण विभाग मुख्यालय को भी देनी होगी। पथ निर्माण विभाग ने यह व्यवस्था की है कि अगर कोई निर्माण कंपनी अपनी सुरक्षा के लिए सैप के जवानों को लेना चाहता है तो अब उसे सैप के जवान भी जिले से ही उपलध करा दिए जाएंगे। इस बारे में जिलों के पुलिस कप्तानों को निर्देश दिए गए हैं.
इसलिए गंभीर हुई सरकार
स्टेट हाईवे के निर्माण में लगी कंस्ट्रक्शन कंपनी के दो इंजीनियरों की दरभंगा में दिनदहाड़े एके-47 से हत्या, छपरा में नक्सलियों द्वारा आरा-छपरा पुल के एक पिलर पर पोस्टर लगा लेवी नहीं तो काम नहीं करने देने की चेतावनी देते हुए जनरेटर को बम से उड़ाने की घटना के बाद कंपनी द्वारा काम बंद कर देना, पटना में गंगा पथ बना रही निर्माण कंपनी द्वारा सुरक्षा की मांग, गया में गैमन इंडिया की साइट पर लेवी के सवाल पर नक्सली वारदात, इस क्रोनोलॉजी से निर्माण कंपनियों के बीच दहशत की स्थिति है। निर्माण कंपनियों पर अचानक बढ़े आपराधिक और नक्सली कहर के बाद सरकार गंभीर हुई है.
डिप्टी सीएम व पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बताया कि 13 जनवरी को उन्होंने सड़क निर्माण में लगी उन सभी कंपनियों के प्रतिनिधियों को पटना बुलाया है, जो सूबे के अलग-अलग हिस्सों में सौ करोड़ रुपए से अधिक की सड़क योजनाओं पर काम कर रही हैं। पटना में इनकी बैठक कर उन्हें आश्वस्त करना है कि सरकार किसी भी हाल में रंगदारों या नक्सलियों के दबाव में निर्माण कार्य को प्रभावित नहीं होने देगी.
डिप्टी सीएम ने कहा कि सौ करोड़ से अधिक की निर्माण कंपनियों को फुल प्रूफ सुरक्षा उपलध कराई जाएगी। 13 जनवरी को होने वाली बैठक में संबंधित निर्माण एजेंसी से स्पष्ट तौर पर यह पूछा जाएगा कि उन्हें रंगदारी या फिर लेवी से संबंधित कोई समस्या है तो सीधे बताएं। उसी वक्त उसपर निर्णय होगा। पथ निर्माण विभाग ने जिलों के पुलिस कप्तान से यह सूची भी मांगी है कि उनसे संबंधित जिले में जो निर्माण एजेंसी काम कर रही है उनके द्वारा अपराधी या नक्सली से त्रस्त रहने या फिर इस तरह की संभावना के बारे में कोई सूचना दी गई है या नहीं। सूचना अगर है तो उस पर किस तरह की कार्रवाई हुई।
शिकायत हुई तो खोला जाएगा आउट पोस्ट
नई व्यवस्था के तहत पथ निर्माण विभाग ने तय किया है कि अगर निर्माण कंपनी को जरूरत पड़ी तो उनके प्रोजेक्ट साइट या कैंप के समीप पुलिस आउट पोस्ट या कैंप भी तुरंत खोला जाएगा। निर्माण कार्य में लगे लोगों की सुरक्षा में कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। जिन कंपनियों द्वारा किसी तरह की कोई शिकायत नहीं भी है उनके प्रोजेक्ट साइट व कैंप में नियमित रूप से पुलिस गश्त का निर्देश दिया गया है। गश्त हो रही है या नहीं इसकी मॉनिटङ्क्षरग भी की जाएगी।
रंगदारी की सूचना तत्काल होगी अपडेट
रंगदारी से संबंधित अगर कोई गंभीर शिकायत है तो निर्माण कंपनी को इसकी सूचना तत्काल पथ निर्माण विभाग मुख्यालय को भी देनी होगी। पथ निर्माण विभाग ने यह व्यवस्था की है कि अगर कोई निर्माण कंपनी अपनी सुरक्षा के लिए सैप के जवानों को लेना चाहता है तो अब उसे सैप के जवान भी जिले से ही उपलध करा दिए जाएंगे। इस बारे में जिलों के पुलिस कप्तानों को निर्देश दिए गए हैं।
इसलिए गंभीर हुई सरकार
स्टेट हाईवे के निर्माण में लगी कंस्ट्रक्शन कंपनी के दो इंजीनियरों की दरभंगा में दिनदहाड़े एके-47 से हत्या, छपरा में नक्सलियों द्वारा आरा-छपरा पुल के एक पिलर पर पोस्टर लगा लेवी नहीं तो काम नहीं करने देने की चेतावनी देते हुए जनरेटर को बम से उड़ाने की घटना के बाद कंपनी द्वारा काम बंद कर देना, पटना में गंगा पथ बना रही निर्माण कंपनी द्वारा सुरक्षा की मांग, गया में गैमन इंडिया की साइट पर लेवी के सवाल पर नक्सली वारदात, इस क्रोनोलॉजी से निर्माण कंपनियों के बीच दहशत की स्थिति है। निर्माण कंपनियों पर अचानक बढ़े आपराधिक और नक्सली कहर के बाद सरकार गंभीर हुई है।
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