- वर्ष 2015 में छह जुलाई को हुई थी 86.2 एमएम बारिश

- निचले इलाकों में पानी निकालने की तत्काल व्यवस्था नहीं होने से लोग फंसे

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क्कन्ञ्जहृन् :

पटना में शनिवार को भीषण बारिश के बाद कई इलाकों में जलजमाव से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। दिन में 11 बजते ही घनघोर बादलों से चारों ओर अंधेरा छा गया और इसके बाद लगभग तीन घंटे तक लगातार बारिश होती रही। प्रदेश में सबसे अधिक बारिश पटना में रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सुबह साढे़ आठ बजे से शाम साढे़ पांच बजे तक 71.8 मिली मीटर रिकॉर्ड किया गया। इसके साथ ही जुलाई माह में अधिकतम बारिश का पांच साल का रिकॉर्ड टूट गया। वर्ष 2015 के जुलाई माह से पहले 24 घंटे में इतनी बारिश नहीं हुई। वर्ष 2015 में 24 घंटे में अधिकतम 86.2 एमएम बारिश छह जुलाई को हुई थी।

चंद घंटे में ही सड़क बन गया तालाब

करीब तीन घंटे की बारिश के बाद पटना के सभी निचले इलाकों में बारिश के बाद सड़क पर जलजमाव हो गया। गांधी मैदान, चिरैंयाटाड़ पुल के नीचे, कंकड़बाग टेंपो स्टैंड, बोरिंग रोड, गोला रोड, एयरपोर्ट रोड, बेली रोड, केन्द्रीय विद्यालय नंबर दो के सामने, पाटलिपुत्र कॉलोनी, राजीव नगर, नेहरु नगर, न्यू बाईपास के इलाके सहित अन्य इलाकों में भी जल जमाव की भीषण समस्या रही।

अस्त व्यस्त हुई जिंदगी

भारी बारिश के कारण कॉलोनियों से सड़क तक निकलने में कहीं गाड़ी बंद तो कहीं मैनहोल खुले होने से दुर्घटना तो कहीं गंदगी का अंबार सड़क पर ही जमा होने की समस्या भी रही। बेली रोड में शाम को सड़क किनारे सब्जी मार्केट तो लग गया, लेकिन जलजमाव के कारण वहां तक लोगों को पहुंचने में परेशानी हुई। वहीं, कई निचले इलाकों में घर में पानी भरने की समस्या भी रही।

पटना में जुलाई माह में बारिश

वर्ष एमएम

2020 - 71.8

2019 - 65.4

2018 - 31.4

2017 - 68.7

2016 - 45.6

2015 - 86.2

2014 - 46.5

(24 घंटे में अधिकतम बारिश)