पटना (ब्यूरो)। आलमगंज थाना अन्तर्गत गुड़ की मंडी अरफाबाद मोहल्ला स्थित एक मकान में रहने वाले परिवार के बीच बुधवार को उस समय कोहराम मच गया जब पुलिस बल के साथ अधिकारियों का दल उनके मकान को तोडऩे पहुंचा। मकान से सामान निकालने के लिए कुछ घंटों का समय दिया गया। इसके बाद बुलडोजर ने दो मंजिला मकान को गिराना शुरू किया। शाम तक मकान मलबे में तबदील हो गया।

पीडि़त परिवार लगाता रहा गुहार

गैर मजरुआ आम रास्ता वाले साढ़े आठ धूर भूखंड पर निर्मित मकान को तोडऩे के दौरान पीडि़त परिवार प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगाता रहा। हाथ जोड़ा पांव पड़ा। परिवार बुलडोजर के आगे बैठ गया। घर की महिलाएं औरच्बच्चे सड़क पर लेट गयी। हर तरफ चीख पुकार मची रही। धक्का-मुक्की भी हुई। उग्र हुए लोगों को हटाने और नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हलका बल प्रयोग भी करना पड़ा।

आम रास्ता के लिए इस्तेमाल

मौके पर मौजूद अनुमंडलाधिकारी मुकेश रंजन ने बताया कि साढ़े आठ धूर गैर मजरुआ आम रास्ता की जमीन को अतिक्रमित कर बनाए गए दो मंजिला भवन को कोर्ट के फैसले और नियमानुसार नोटिस देने के बाद तोड़ा जा रहा है। अंचलाधिकारी के कोर्ट में अतिक्रमण वाद की सुनवाई के दौरान आरोपित पक्ष को जमीन संबंधित कागजात प्रस्तुत करने का पूरा मौका दिया गया लेकिन पक्ष सही कागजात प्रस्तुत करने में नाकाम रहा। खाली कराया जा रहा भूखंड आम रास्ता के रूप में इस्तेमाल होगा।

वर्ष 2002 मेंखरीदी थी जमीन

इधर गृहस्वामी सावित्री देवी के पुत्र चंद्रदीप कुमार और सरूण शर्मा ने बताया कि उन्होंने नवादा निवासी सीता देवी से वर्ष 2002 में यह जमीन खरीदी थी। इस पर मकान बनाया लेकिन कोई विवाद सामने नहीं आया। वर्ष 2012 में इस जमीन को सरकारी बता कर प्रशासन ने केस किया। यह मामला सिटी कोर्ट, एसडीओ कोर्ट और सीओ कोर्ट में चला। अतिक्रमित मकान तोडऩे के दौरान डीएसपी अमित शरण, डीसीएलआर शिव रंजन, अंचलाधिकारी जितेंद्र कुमार, आलमगंज थानाध्यक्ष अभिजीत कुमार, खाजेकलां थानाध्यक्ष राहुल कुमार ठाकुर, निगम के राजस्व पदाधिकरी रिजवान अहमद अंसारी एवं जिला से आया महिला-पुरुष सुरक्षा बल मौजूद था।

बीस साल बाद बेघर हुआ परिवार चुनता रहा सामान

प्रशासन और पुलिस बल की कार्रवाई के आगे हार मान चुके गृहस्वामी सावित्री देवी के पुत्र ने कहा तिनका तिनका जोड़ कर मकान बनाया लेकिन बीस साल रहने के बाद परिवार के सिर से प्रशासन ने छत छीन लिया। जांच-परख कर जमीन खरीदी थी। डीजे, बैंडबाजा और फर्नीचर के काम में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता हूं। पुलिस बल द्वार दबाव बनाए जाने के बाद मकान से एक एक सामान भारी मन से परिवार का हर एक सदस्य लेकर बाहर आता रहा। एक कोने में सामान जमा किया। बोला-बची ङ्क्षजदगी परिवार को खुले आसमान तले गुजारनी होगी। अब ईश्वर ही मालिक।