-विश्वामित्र की तपोभूमि पर रामभक्तों का आगमन

- श्रीराम की शिक्षास्थली से सुखद अनुभूति के साथ सीतामढ़ी रवाना हुए

BUXAR/PATNA: बक्सर स्टेशन शुक्रवार की सुबह से राममय था। साफ-सफाई चकाचक। पूरी तैयारी उन रामभक्तों के लिए थी, जो रामायण सर्किट एक्सप्रेस से मदुरई से चलकर बक्सर पहुंच रहे थे। सुबह ठीक 9.05 बजे जैसे ट्रेन एक नंबर प्लेटफॉर्म पर पहुंची, माहौल जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा। करीब चार सौ पैसेंजर्स के बाहर निकलते ही पुष्पवर्षा शुरू हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने अभिवादन कर स्वागत किया। इसके बाद सभी को ऑटो से श्रीराम से जुड़े स्थलों के दर्शन के लिए रवाना किया गया। रामायण सर्किट से बक्सर के जुड़ने के बाद पहली बार रामायण एक्सप्रेस यहां पहुंची थी।

रामरेखा घाट पहुंचे श्रद्धालु

दानापुर रेल मंडल के प्रबंधक सुनील कुमार ने बताया कि चार सौ यात्रियों को लेकर रामायण एक्सप्रेस पांच मार्च को मदुरई से चली थी। चित्रकूट और वाराणसी समेत कई आध्यात्मिक स्थलों का दर्शन करते हुए यात्री बक्सर पहुंचे हैं। राम भक्तों को वामनेश्वर मंदिर, नाथ बाबा मंदिर, नौलखा मंदिर, रामरेखा घाट, अहिल्या माता मंदिर और बेदशिरा आश्रम ले जाया गया। दोपहर के भोजन की व्यवस्था बसांव मठिया में की गई।

नहीं जा पाएंगे जनकपुर धाम

भोजन के बाद मठिया के पीठाधीश्वर श्रीप्रपन्ना महाराज, छविनाथ त्रिपाठी और डॉ.रामनाथ ओझा समेत अन्य संतों के हाथों अंगवस्त्र देकर यात्रियों की विदाई की। शाम पांच बजे ट्रेन रघुनाथपुर स्टेशन के लिए रवाना हुई और वहां ब्रह्मोश्वर धाम मंदिर की संध्या आरती में श्रीराम भक्त शामिल हुए। इसके बाद रात आठ बजे पाटलिपुत्र और हाजीपुर के रास्ते यात्रियों को लेकर ट्रेन सीतामढ़ी के लिए रवाना हो गई। शनिवार को यात्री सीतामढ़ी की पवित्रभूमि का दर्शन करेंगे। यहां से यात्रियों का नेपाल के जनकपुर धाम जाने का कार्यक्रम था, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण अभी नेपाल सरकार से अनुमति नहीं मिली है। ऐसे में यात्री अयोध्या दर्शन करते हुए 19 मार्च को श्रीपेरुंबदूर लौट जाएंगे।