PATNA : सीबीआई लालू के घर क्0 सर्कुलर रोड सुबह म्.ख्0 बजे पुहंची। क्0 घंटे छापेमारी के दौरान एक कप चाय भी नहीं पी। बार-बार आग्रह किया गया लेकिन टीम ने हर बार साफ इनकार कर दिया। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप से कोई पूछताछ नहीं की। कब, क्या और कैसे हुआ, आइए जानते हैं

लालू के घर छापेमारी के बाद तनाव की आशंका को लेकर पूरे बिहार में अलर्ट जारी किया गया है। पुलिस मुख्यालय ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि राजनीतिक पार्टियों के कार्यालयों पर नजर रखी जाए और किसी भी दशा में तनाव की स्थिति न उत्पन्न होने पाए। पुलिस अफसरों को दिए गए निर्देश में कई बिंदुओं पर ध्यान रखने को कहा गया है।

रेड के बाद तनाव की आशंका

लालू के घर छापेमारी और बीजेपी के आरोपों के बीच तनाव की आशंका है। लालू समर्थक जहां मायूस हैं वहीं बीजेपी कार्यकर्ता खुशी मना रहे हैं। ऐसे में दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच टकराव की स्थित बन सकती है। पुलिस मुख्यालय ऐसे तनाव की आशंका को लेकर अलर्ट किया है।

राजधानी से गांव तक सुरक्षा

पुलिस मुख्यालय से निर्देश के बाद पटना स्थित राजनीतिक कार्यालयों के साथ लालू के प्रभाव वाले एरिया में चौकसी बढ़ा दी गई है। पुलिस के साथ-साथ खुफिया तंत्र भी एक्टिव है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि ऐसी स्थित में विवाद हो सकता है। पुलिस नेताओं पर नजर रख रही है। पटना स्थित एक्स सीएम राबड़ी देवी के आवास क्0 सुर्कलर रोड से लेकर लालू के पार्टी कार्यालय तक पुलिस फोर्स तैनात है। एडीजी एसके सिंघल के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक राजनीतिक बवाल को देखते हुए बिहार में अलर्ट घोषित कर पुलिस अधिकारियों को सुरक्षा का निर्देश दिया गया है।

जो जैसा करता है, वैसा ही फल मिलता है। लालू के गलत कार्यो का फल पूरे परिवार को भुगतना पड़ रहा है। सेंट्रल गवर्नमेंट और बीजेपी पर आरोप लगाने के बजाए लगे आरोपों को गलत साबित करना चाहिए।

-जीतनराम मांझी, एक्स सीएम, बिहार

सीबीआइ पारदर्शिता के साथ काम कर रही है। केन्द्र का कोई हस्तक्षेप नहीं है और न ही किसी के साथ भेदभाव जैसी बात है। केन्द्र पर बदले की भावना से कार्रवाई करने का आरोप बेबुनियाद है। लालू सीबीआइ को सहयोग करें।

-रामविलास पासवान, सेंट्रल मिनिस्टर

घोटाले के सहारे लालू और उनके परिवार ने अकूत संपत्ति बना ली। इसकी लगातार सीबीआइ से जांच की मांग कर रहे थे। सीएम नीतीश कुमार कुर्सी बचाने में मौन धारण किए थे। कार्रवाई के बाद भी नीतीश की चुप्पी आश्चर्यजनक है। बिहार की जनता लालू संग नीतीश को भी समझ गई।

-राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, एमपी और संरक्षक जाप