- कोलकाता से बन रहा था प्लान, तीन आए पुलिस की गिरफ्त में

- प्री मेडिकल में आए थे सेटिंग करवाने लेकिन पकड़े गए

- बिस्कोमान के पास बना रहा था प्लान, कोड रखा था चार मीनार

PATNA: बिस्कोमान के नीचे प्री मेडिकल एग्जाम की तैयारी चल रही थी। स्टूडेंट की सेटिंग कर मेडिकल में उसे सफलता दिलाने के लिए कोलकाता से टीम को पटना भेजा गया था। सेटर की टीम और सेटिंग में आने वाले स्टूडेंट के बीच कोड से बात की जा रही थी। लेकिन ऐन वक्त पर पटना पुलिस को इसकी जानकारी मिली और चार मीनार के कोड पर बात करते हुए बिस्कोमान के पास से तीन सेटर को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। बिस्कोमान के पास चार मीनार की इबारत लिखने की तैयारी में जुटे शातिरों के पास से पटना पुलिस को कई ऐसे डाक्यूमेंट और प्रूव मिले जिसे देखने के बाद उसे फौरन पूछताछ के लिए उठा लिया गया। पूछताछ के दौरान इन लोगों ने खुलासा किया कि ऑल इंडिया प्री मेडिकल व प्री डेंटल एंट्रेंस टेस्ट ख्0क्ब् का पेपर लीक करने के लिए यहां पर आए थे। ब् मई को ही एआईपीएमटी का एग्जाम हुआ है, लेकिन इससे पहले पटना पुलिस इन शातिर को अपने कब्जे में रख लिया है। टाइम रहते ही पुलिस ने पेपर लीक करने वाले गिरोह के रवि शंकर कुमार, गौरी शंकर ठाकुर और अमरेश कुणाल को अरेस्ट किया।

क्वेश्चन मिलते कोलकाता को करता खबर और

पूछताछ के दौरान शातिर ने बताया कि वो किस तरह घटना को अंजाम देने वाले थे। इसके लिए इन लोगों के पटना स्थित अपने लिंक को सूचना दे दी गयी थी। क्वेश्चन मिलते ही ये लोग हाई टेक तरीके से सारे क्वेश्चन कोलकाता को भेज देता। इसके बाद वहां से क्वेश्चन पेपर अन्य जगहों पर सर्कुलेट किया जाता और फिर इसके एवज में एक मोटी रकम वसूला जाता। इन लोगों के पास से पटना पुलिस को क्0 ब्लू टूथ, भ् मोबाइल, म् सीमकार्ड, क्0 एटीएम कार्ड, क्फ् पासपोर्ट साईज फोटो, बिना नंबर प्लेट की स्विफ्ट डिजायर कार और कई जाली पेपर बरामद किया।

इस कोड का यूज पहले भी कर चुका था

पुलिस की गिरफ्त में आए शातिर ने बताया कि वो चार मीनार कोड का इस्तेमाल पहले भी कर चुका है। इसी कोड वर्ड के आधार पर सेल के एग्जाम पेपर लीक कर लाखों रुपए देकर सेटिंग करने वालों को दिया गया था। हालांकि हर एग्जाम में गिरोह के लोग कोड वर्ड को बदल देते थे। लेकिन जब तक बदलते तब वो चार मीनार का ही यूज कर रहे थे। ताकि इस कोड से वो आसानी से एक दूसरे से बात कर पाएं। एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि गिरोह में शामिल लोग काफी शातिर हैं। इसी गिरोह ने ख्0क्ख् में बिहार स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की जूनियर इंजीनियर और इसी साल हुए सेल के एग्जाम का पेपर लीक कर चुके हैं। एग्जाम के पहले पेपर लेने वाले प्रत्येक स्टूडेंट से क्0 से क्भ् लाख रुपए वसूलते थे।

लाखों करोड़ों की होती है डील

पेपर लीक कर लाखों रुपए कमाने का मास्टर प्लान कोलकाता में बैठकर बनाया जाता है। इसका मास्टर माइंड विरेन्द्र पासवान है, जो खुद ही पूरे प्लान की मॉनिटरिंग करता है। पकड़े गए लोगों ने पूछताछ के दौरान इसका खुलासा किया। विरेन्द्र पासवान सहित गिरोह में शामिल दूसरे लोगों की अरेस्टिंग के लिए पुलिस टीम कई स्थानों पर रेड कर रही है।

कुछ इस तरह करवाता था नकल

एसएसपी ने बताया कि विरेन्द्र पासवान पेपर को लीक कर ईमेल से उसे भेजता था। पेपर मिलते ही गिरोह के लोग उसे इंटरनेट पर डाउन लोड कर उसका आंसर तैयार कर लेते थे। फिर कोड बदलकर मोबाइल व ब्लू टूथ के माध्यम से एग्जामिनेशन हॉल में बैठे स्टूडेंट को लिखवाया जाता था।

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पुलिस ने क्0 ब्लू टूथ, भ् मोबाइल, म् सीमकार्ड, क्0 एटीएम कार्ड, क्फ् पासपोर्ट साईज फोटो, बिना नंबर प्लेट की स्विफ्ट डिजायर कार और कई जाली पेपर बरामद किया।