पटना (ब्यूरो)। लोक आस्था का महापर्व छठ पटना में धूमधाम व पूरी आस्था से मनाया जा रहा है। सोमवार को गंगा के किनारे छठ व्रतियों की बड़ी संख्या अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य देने पहुंची। मंगलवार को उदयगामी सूर्य को अघ्र्य देने के साथ छठ का समापन हो जाएगा। पटना के गेट नंबर 83 सहित 47 घाटों पर सोमवार को बड़ी संख्या में व्रतियों ने सुख, समृद्धि, व स्वास्थ्य की कामना करते हुए अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य दिया। अघ्र्य देने के लिए दोपहर 2 बजे से ही व्रतियों का घाटों पर आना शुरू हो गया था। पटना जिला प्रशासन की ओर व्रतियों के लिए घाट तक जाने के लिए अस्थाई मार्ग बनाया गया है। मगर पर्याप्त पुलिस बल की संख्या नहीं होने के चलते सोमवार शमा टै्रफिक अनियंत्रित हो गया। लोग जहां के तहां फंसे रहे। तकरीबन 40 मिनट के जाम के बाद ट्रैफिक स्मूथ हो पाया।

छठ गीतों से गूंजा घाट

लोक आस्था के महापर्व चैती छठ के अवसर पर भगवान सूर्य को अघ्र्य देने के लिए आए श्रद्धालुओं के कांच के ही बांस के बहंगिया लचकत जाए,जल्दी उग आज आदित गोसाई, छठी माई के घटवा पे आजन बाजन, जैसे मनमोहक पारंपरिक लोकगीतों से छठ घाट गूंज उठे। छठी मैया के मन को झंकृत कर देने वाले लोक गीतों के बीच पूरे शहर और पटना के विभिन्न गंगा घाटों व तालाबों पर नजारा भक्तिमय रहा। शाम को छह बजकर चार मिनट होते ही भगवान सूर्य को अघ्र्य देना शुरू किए तकरीबन 7 बजे तक सिलसिला चलता रहा।


दोपहर दो बजे से आने लगे श्रद्धालु

छठ व्रतियों ने बताया कि सोमवार दोपहर 2 बजे से ही छठ व्रतियों के छोटे-छोटे समूह का आना शूरू हो गया था। शाम को गेट नंबर 83 पर व्रती महिला व पुरुष प्रसाद का दउरा व सूप लेकर पहुंचे। इस दौरान छठ गीतों से पूरा घाट भक्ति मय होता गया। गंगा में खड़े व्रती महिला और पुरुषों ने प्रसाद भरी सूप को अपने हाथों में लेकर भगवान सूर्य को अघ्र्य दिया। डूबते सूर्य को अघ्र्य देने के बाद व्रती अपने परिवार व संबंधियों के साथ प्रसाद लेकर अपने घर वापस गए।

उगते सूर्य को आज सुबह देंगे अघ्र्य

पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि मंगलवार सुबह चैती छठ करने वाले व्रती सप्तमी तिथि को उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देकर इस सूर्योपासना के महापर्व का समापन करेंगे। इसी दिन व्रती पारण करेंगी। मंगलवार की सुबह सुर्योदय 5 बजकर 46 मिनट पर होगा। सूर्योदय के समय ही व्रती भगवान सूर्य को अघ्र्य देंगे।

ट्रैफिक व्यवस्था हो गया अनियंत्रित

गेट संख्या 83 पर जिला प्रशासन की ओर से कन्ट्रोल रूम व अतिरिक्त पुलिस बल तैनाती के बाद भी सोमवार शाम ट्रैफिक अनियंत्रित हो गया। दरअसल गेट संख्या 83 से घाट तक पहुंचने के लिए जो एप्रोच मार्ग बनाए गए हैं उसकी चौड़ाई तकरीबन 20 फीट है। आधे से अधिक मार्ग पर चार पहिया, ई रिक्शा, ऑटो वालों का कब्जा हो गया। जिस वजह से पैदल चलना भी व्रतियों के लिए मुश्किल था। उधर अघ्र्य देकर लौट रहे लोगों व्रतियों को की वजह से भीड़ इतना हो गया कि 50 मीटर के सफर को तय करने में तकरीबन 40 मिनट का वक्त लग गया। जाम लगने के बाद शहर से आने वाले वाहनों को गेट संख्या 83 के पास ही रोक दिया गया। स्थिति अगर ऐसी रही तो सुबह के समय भगदड़ मच सकता है।