पटना ब्यूरो। श्री कृष्ण विकास स्मारक समिति की ओर से बच्चों के मनोरंजन के लिए शहर के गांधी मैदान में चिल्ड्रेन पार्क स्थापना साल 2017 गई थी। स्थापना के सुबह शाम खेलने और कूदने के लिए सैकड़ो बच्चे पार्क में पहुंचते थे।
चिल्ड्रेन पार्क के 42 उपकरण भी लगाए गए। कोविड के समय पार्क बंद होने के बाद कई उपकरण खराब हो गया। इसके बाद पार्क अस्थाई तौर पर बंद दिया गया। हालांकि जून 2022 में तत्कालीन डीएम डॉ। चन्द्रशेखर सिंह के निर्देश पर पार्क को खोलने और उपकराणों की मरम्मत के लिए बैठक आयोजित की गई थी, मगर डेढ साल गुजरने के बाद भी पार्क का कायाकल्प नहीं हो सका.पढि़ए रिपोर्ट
-निगम को दी गई थी जिम्मेवारी
तत्कालीन डीएम डॉ। चन्द्रशेखर सिंह ने नगर निगम के आयुक्त अनिमेश कुमार पराशर को गांधी मैदान में चिल्ड्रेन पार्क का संचालन एवं रख-रखाव सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से सीसी कैमरा लगाने, जिम कराटे योग प्रशिक्षण कार्य पेयजल की उपलब्धता संपूर्ण क्षेत्र की सफाई की निगरानी जिम्मेदारी थी, मगर साफ सफाई तो दूर की बात है कोविड काल में लगे चिल्डे्रेन पार्क के ताले तक नहीं खुले। नाम न छापने की शर्त पर निगम के एक कर्मचारी ने बताया कि टेंडर का रेट ज्यादा होने के कारण पार्क का संचालन के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। जिसके बाद निगम को जिम्मेदारी दी गई थी। मगर अधिकारियों की ओर से कोई एक्शन नही होने के कारण व्यवस्था आज तक लचर है।
-42 में 17 उपकरण खराब
श्री कृष्ण विकास स्मारक समिति की ओर से बनाए गए चिल्ड्रेन पार्क में बच्चों के खेलकूद और मनोरंजन के लिए लगाए गए 42 उपकरणों में कुल 17 उपकरण पूरी तरह से खराब हैैं। आलम ये है कि पार्क के अंदर कचरे का अंबार लगा है। जहां बच्चों की बैठने क लिए शेड बनाए गए थे घास-फूस जम गया है। पार्क की स्थिति को देखकर ऐसा लग रहा है कि जब ताले लगे है तब इसे मॉनिटरिंग के लिए कोई नहीं आया।
-ग्रिल तोड़ को तोड़ रहे हैं चोर
पार्क की सुरक्षा को लेकर ग्रिलिंग किया गया था। मगर विभागीय लापरवाही के चलते ग्रिल का अधिकांश पार्ट चोरी हो गया है। नाम न छापने की शर्त पर गांधी मैदान के बाहर अस्थाई दुकान करने वाले दुकानदारों ने बताया कि गांजा और स्मैक पीने वाले लोग ग्रिल के लोहे को काटर ले गए। सुरक्षा में लगे सुरक्षा कर्मियों की नजर भी उनपर नहीं गई है। समय रहते अगर पार्क को सुरक्षित नहीं किया गया तो पार्क का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा।
-बच्चों को है खतरा
चिन्ड्रेन पार्क का ग्रिल टूटने के बाद आसपास के इलाकों के बच्चे टूटे हुए ग्रिल से पार्क में प्रवेश करते हैं और सुबह-शाम पार्क में कूदते हैं। पार्क में लगे उपकरण कई जगह टूटे हुए हैैंै। अगर इन बच्चों को रोका नहीं गया तो कभी भी चोटिल हो सकते हैं। पार्क में खेलने वाले बच्चों ने बताया कि यहां रोकने-टोकने वाला कोई नहीं है इसलिए यहां चले आते है। जब प्रवेश द्वार से अंदर जाते थे तो इंट्री फीस लगती थी अब टूटी ग्रिल के अंदर आते हैं इसलिए कोई फीस नहीं लगती है।
-चिल्ड्रेन पार्क एक नजर में
-चिल्ड्रेन पार्क की कुल लागत 71.67 लाख
-पार्क की स्थापना 2017
- क्षेत्रफल- 10 हजार वर्गफीट
- 325 फीट लंबा और 29 फीट चौड़ा है.
- 42 प्रकार के मनोरंजन उपकरण लगाए गए थे
-17 से अधिक खेलकूद उपकरण खराब हैं।
-एक साथ 250 बच्चे खेल सकते हंै
- पार्क की सुरक्षा के सुरक्षा के लिए लगाई गई ग्रिल को चोर-चारी कर रहे हैं।
आपने बताया है। पूरी जानकारी मैसेज कर दें। मैं अभी न्या ज्वाइन किया हूं। जो उचित होगा वो किया जाएगा।
- राजन सिन्हा, अपर नगर आयुक्त