- सिटी सर्विस का नहीं है कोई टाइम एंड शिड्यूल

- शहर में अब तक नहीं चल सकीं हैं पर्याप्त बसें

- नए बस स्टैंड भी हो गए अतिक्रमण के शिकार

PATNA: पटना में जब दिल्ली व कोलकाता के तर्ज पर नए-नए बस स्टॉप का निर्माण हुआ तो पटनाइट्स को लगा कि अब हमारे शहर में भी ट्रैवल सिस्टम सुधर जाएगा, बस स्टॉप चकाचक हो जाएंगी। हालांकि इस दिशा में प्रयास तो शुरू हुआ, कई जगहों पर नए बस स्टॉप भी बनाए गए। कुछ लो फ्लोर बसों को भी नगर सेवा की ट्रांस्पोर्ट में शामिल किया गया, लेकिन बहुत जल्द ही पटनाइट्स की सपना धराशायी हो गई। आज भी लोग खटारा बसों पर ही चलने को मजबूर हैं।

भ्0 प्रतिशत बसें हैं जर्जर

पटनाइट्स को फिलहाल खटारा बसों पर ही ट्रैवल करना होगा। नगर सेवा की सारी पुरानी बसें लगभग क्भ् साल पुरानी हैं। इन बसों में से भ्0 फीसदी से अधिक बसों की हालत जर्जर हो चुकी है। बताया गया कि इन बसों का टाइम-टू-टाइम फिजिकल वेरिफिकेशन भी नहीं किया जाता। वाहनों के पॉल्यूशन की जांच भी नहीं की जाती। यहां तक कि पटना पुलिस के पास इन बसों और इनके ड्राइवरों से संबंधित कई मामले पड़े हुए हैं। यहां एक ही परमिट पर कई गाडि़यों का परिचालन का मामला हो या बिना परमिट के भी कई गाडि़यां चलायी जाती है। नगर सेवा के बसों की ऐसी हालत की वजह से इसका फायदा प्राइवेट बसों के ऑनर और ऑटो वाले उठाते हैं।

बेकार पड़े हैं आधुनिक बस स्टॉप

बुडको की ओर से शहर में तकरीबन ख्भ्0 बस स्टैंड बनाए जाने थे। सभी के लोकेशन भी बुडको दे दिए गए थे, लेकिन बुडको के अधिकारी की माने तो फिलहाल पटना में कुल क्क्7 बस स्टॉप बने हैं। अधिकारी ने बताया कि हमें जितने फंड और उपयुक्त जगह मिले है वहां हमने बस स्टॉप बना दिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ढ़ेर सारे लोकेशन ऐसे दिए गए हैं जहां बस स्टॉप बनान संभव ही नहीं है। जैसे अशोक राजपथ के इलाकों में कई बस स्टॉप उपयुक्त जगह नहीं होने की वजह से बनाया नहीं गया है। इन बस स्टॉप के साथ यह कल्पना की गयी थी कि इसे मेट्रोपॉलिटन सिटी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। साथ ही यहां बसों के रूट चार्ट अंकित होंगे। हर बस स्टॉप पर सीसीटीवी कैमरे होंगे और उसे अगले बस स्टॉप से जोड़ा भी जाएगा, लेकिन अबतक ऐसा कुछ नहीं किया जा सका है। सारे के सारे बस स्टॉप बेकार पड़े हुए हैं।

बस स्टॉप पर सब्जियां और चाय

नगर निगम और डिस्ट्रिक एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से जितने बस स्टॉप पर अब तक शहर में बनाए गए थे। सभी बस स्टॉप अतिक्रमित किए जा चुके हैं। इसके बाद बुडको के बस स्टॉप की बारी है। शहर के कई जगहों पर बुडको के इन बस स्टॉप को लोगों ने अतिक्रमित कर लिया है। अनिसाबाद के यूएफओ मॉल के सामने दोनों बस स्टॉप पर अतिक्रमण है। एक स्टॉप पर सब्जी बिकती है तो दूसरी पर चाय का ठेला सजता है। यही हाल जीपीओ चौराहा, कांटी फैक्ट्री रोड, एनएमसीएच, राजेंद्र नगर, कंकड़बाग आदि इलाकों का भी है। बुडकों की ओर से इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की गई लेकिन अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है।

कब चलेंगी और बसें?

मालूम हो कि फिलहाल शहर में चालिस बसे चलाई जा रही है। ये चालीस बसें शहर के कुल छह रूट पर चल रही हैं। कहा तो जाता है कि इन बसों का रूट और टाइमिंग डिसाइडेड है, लेकिन रूट की बात छोड़ दें तो इन बसों की कभी मेंटेन नहीं होतीं। साथ ही कई पैसेंजर्स का कहना है कि इन बसों का किराया भी प्राइवेट बसों और ऑटो से अधिक हैं। बुडको के जीएम वर्क दयाशंकर मिश्रा कहते हैं कि अभी पच्चीस और बसें आई हुई हैं और जैसे ही इसका रूट चार्ट मिलेगा ये बसें भी चलेंगी, लेकिन शहर को इन बसों के साथ-साथ अभी कई और बसों की आवश्यकता शहर को होगी।

बस स्टॉप पर अतिक्रमण कर लिया गया है। इसकी सूचना हमलोगों के पास भी है, लेकिन हम कुछ नहीं कर सकते। डिपार्टमेंट की ओर से इसकी लिखित सूचना जिला प्रशासन व ट्रैफिक पुलिस को दी गई है, यह उनकी जिम्मेवारी है कि स्टैंड को फ्री करवाएं।

सत्येंद्र कुमार सिंह, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, बुडको