पटना(ब्यूरो)। सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को डेंगू की रोकथाम एवं उपचार की व्यवस्था को लेकर हाई लेवल मीटिंग की। इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट करते हुए उन्होंने यह निर्देश दिया कि ब्लड बैंक में प्लेटलेट््स की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाए। अस्पतालों में बेड पर्याप्त संख्या में उपलब्ध रहे तथा मरीजों को उपचार में किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो।
सीएम आवास स्थित संकल्प कक्ष में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत व नगर विकास एवं आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुणीश चावला ने डेंगू के बढ़ते मामले और उसकी रोकथाम के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी दी। सीएम को बताया गया कि एंटी लार्वा का छिड़काव नियमित रूप से किया जा रहा है।
डेंगू रोधी दवा के छिड़काव में लापरवाही नहीं हो
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि डेंगू रोधी दवा के छिड़काव में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। छिड़काव नियमित रूप से किया जाए। सभी जगहों पर साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था रखें। अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध रहे। ब्लड बैंक में प्लेटलेट््स के लिए जाने वालों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो। मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया कि लोगों को जागरूक करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं।
चिकित्सक व दवा की कोई कमी नहीं होनी चाहिए
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिया कि अस्पतालों में बेड, चिकित्सक व दवा की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। जिलों में भी अधिकारी इस पर नजर बनाएं रखें, ताकि कोई मामला सामने आने के बाद तुरंत चिकित्सा की व्यवस्था की जा सके।
डेंगू के 10 नए मरीज, 25 अस्पतालों में भर्ती
डाक्टर प्लेटलेट््स काउंट व किट जांच रिपोर्ट से कर रहे इलाज
वर्षा के साथ ही राजधानी में डेंगू मच्छरों के डंक तीखे होने शुरू हो गए हैं। सोमवार को जहां 10 नए मरीज मिले वहीं विभिन्न सरकारी-निजी अस्पतालों में 25 से अधिक मरीज भर्ती हैं। इनमें से कई को प्लेटलेट््स की जरूरत पड़ रही है, लेकिन अभी इसकी कमी नहीं हुई है। नए संक्रमितों में चार हाटस्पाट बने बांकीपुर अंचल और दो अजीमाबाद अंचल के हैं। इसके अलावा चार डेंगू मरीज पीएमसीएच में मिल हैं। जिला संक्रामक रोग नियंत्रण पदाधिकारी डा। सुभाष चंद्र प्रसाद ने बताया कि जुलाई से अबतक 106 डेंगू मरीज मिल चुके हैं। उन्होंने घनी आबादी और बड़ा क्षेत्रफल होने के कारण डेंगू की रोकथाम के लिए लोगों से पहल करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कहीं थोड़ा सा भी पानी जमा हो तो कीटनाशक, मोबिल, केरोसिन, सरसों का तेल जो हो डाल दें ताकि लार्वा से वयस्क मच्छर नहीं बन सकें। वहीं, सिविल सर्जन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएमसीएच, जयप्रभा मेदांता, जगदीश मेमोरियल व रूबन मेमोरियल में चार-चार, पारस एचएमआरआइ में तीन और एनएमसीएच में छह डेंगू मरीज भर्ती होकर उपचार करा रहे हैं। डाक्टरों के अनुसार सभी की हालत खतरे से बाहर है।
तेज बुखार हो तो खुद से न लें कोई दवा
पीएमसीएच में मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डा। बीके चौधरी और एनएमसीएच में मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा। अजय कुमार सिन्हा ने कहा कि वायरल बुखार और डेंगू के लक्षण काफी समान होते हैं। ऐसे में बिना डाक्टर की सलाह के सिवाय पैरासिटामाल के कोई दवा खासकर एस्प्रिन-ब्रुफेन जैसी दर्द निवारक गोली खुद से नहीं लें।
ये लक्षण हों तो तुरंत जाएं अस्पताल
- तेज बुखार, बदन, सिर, आंखों के पीछे और जोड़ों में तेज दर्द।
- त्वचा पर लाल चकत्ते-धब्बे या चकत्ते के निशान।
- नाक-मसूढ़ों या उल्टी के साथ रक्तस्राव, काला पाखाना होगा।
- यदि ये लक्षण हों तो तुरंत डाक्टर से मिलें, समय पर उपचार से रोगी पूर्णत: स्वस्थ हो जाते हैं।