-बैरिया में हाईटेक प्लांट में

बच्चों के लिए बनेगा खिलौना

PATNA: पटना मेडिकल वेस्ट से निकलने वाले प्लास्टिक से अब आपके बच्चों का खिलौना बनेगा। गुड्डे-गुड्डी से लेकर कार और प्लेन तक इससे बनेगा। रामचक बैरिया में निर्माण किए जा रहे। हाईटेक आटोमेटिक कॉमन बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट से यह संभव होगा। पटना सहित 6 जिलों के सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल्स से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे से यहां खिलौना बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी। इस नए हाईटेक प्लांट के चालू होते ही पटना के शहरी लोगों को भी मेडिकल वेस्ट के धुएं से निजात मिल जाएगी।

विशेष तरह से ट्रीटमेंट

पटना सहित बिहार के आधा दर्जन जिलों के निजी व सरकारी अस्पतालों से आने वाले कचरे का ट्रीटमेंट विशेष तरह से किया जाएगा। पटना के रामचक बैरिया में कॉमन बायो-मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट को एजेंसी संगम मेडिसर्व प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरफ से तैयार किया है, जिसे आईजीआईएमएस के सहयोग से चलाएगी।

फैल रहा था पॉल्यूशन

आईजीआईएमएस के आसपास रहने वालों के लिए मेडिकल वेस्ट का धुआं बीमारी का कारण बन रहा था। यहां जब भी मेडिकल वेस्ट जलाया जाता था, आसपास की आबोहवा पूरी तरह से खराब हो जाती थी। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड कितना भी मानक को पूरा कराता था, लेकिन शहर में होने के कारण समस्या बढ़ जाती थी। शहर से इसे हटाने के लिए काफी दिनों से लड़ाई लड़ी जा रही थी। बता दें कि पटना, रोहतास, कैमूर, भोजपुर, बक्सर और नालंदा के सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल्स का कचरा इंदिरा गांधी आयुíवज्ञान संस्था में लगाए गए इंसीनेटर में जलाया जाता है। एक दिन में 6 जिलों का कचरा शहर की हवा को खराब करता है।

हाईटेक होगा प्लांट

बता दें कि यह बिहार का पहला ऑटोमेटिक हाईटेक प्लांट होगा, जो एलपीजी से चलेगा। इसमें हर घंटे 250 किलो कचरा नष्ट होने के साथ बच्चों के खिलौने का सामान भी तैयार होगा। इसके साथ ही एक दिन में 40 हजार लीटर पानी का भी ट्रीटमेंट होगा, जो प्लांट में इस्तेमाल होने के बाद रिसाइकिल किया जाएगा। इस पानी से प्लांट और गाडि़यों की धुलाई के साथ अन्य उपयोग में लिया जाएगा। प्लांट एलपीजी से चलेगा। इस कारण धुआं नहीं होगा, आईजीआईएमएस में प्लांट को डीजल से चलाया जाता था, जिससे समस्या आ रही थी।

3 जगहों से होगी मॉनिटरिंग

संगम मेडिसर्व के एमडी हरिओम शरण द्विवेदी और मैनेजर पवन सिंह का कहना है कि पटना का पहला ऐसा प्लांट है, जो पूरी तरह से ऑनलाइन है। इसकी मॉनिटरिंग 3 स्थानों से होगी। दिल्ली में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, बिहार प्रदूषण नियंत्रण और आईजीआईएमएस से हर समय प्लांट की निगरानी होगी। 32 मीटर ऊंची चिमनी लगाने के बाद भी अगर हवा को खराब करने वाला धुआं निकला तो तीन स्थानों से निगरानी के दौरान पकड़ लिया जाएगा। मैनेजर पवन सिंह का कहना है कि बैरिया में प्लांट का शुभारंभ होने के बाद आईजीआईएमएस का प्लांट बंद कर दिया जाएगा।