पटना ब्यूरो।उन्होंने इस संबंध में लेटेस्ट अपडेट लिया। अभी फिनिशिंग टच एवं हाउसकीपिंग का कार्य किया जा रहा है। जानकारी हो कि पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधीन राष्ट्रीय डॉल्फिन अनुसंधान केन्द्र का निर्माण कार्य भवन निर्माण विभाग द्वारा कराया जा रहा है। भू-खण्ड का क्षेत्रफल 4407 वर्गमीटर तथा कुल क्षेत्रफल 4525 वर्गमीटर है।

बहुप्रतीक्षित रहा है सेंटर


यह सेंटर न केवल पटना बल्कि पूरे देश के लिए बहुप्रतीक्षित रहा है। इस बाबत डॉल्फिन रिसर्च के लिए देश भर के साइंटिस्ट को मौका मिलेगा। यहां वह सभी अत्याधुनिक सुविधाएं होगी जिसकी मदद से इसका विकास किया जाएगा। जानकारी हो कि डॉल्फिनमैन डॉ। आरके सिन्हा ने इस बाबत बड़ी पहल की थी और यह सेंटर अब आकार ले रहा है। यहां अत्याधुनिक निर्माण कार्य के अंतर्गत ड्राई एंड वेट म्यूजियम, ऑडिटोरियम, लाइब्रेरी, एजुकेशनल हॉल, लैब, डिपार्टमेंट हेड, फैकल्टी, डायरेक्टर एवं अन्य पदाधिकारियों के ऑफिस आदि का भी पटना कमिश्नर ने निरीक्षण किया और आवश्यक निदेश दिया। उन्होंने कहा कि इस निर्माण के पूर्ण होने के बाद डॉल्फिन कंजर्वेशन के प्रयासों को बल मिलेगा।

काम में तेजी लाने का दिया निदेश


बुधवार को पटना कमिश्नर कुमार रवि ने बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट की ओर से निर्माण कराये जा रहे तारामंडल के रेट्रोफिटिंग कार्य का निरीक्षण किया। रेट्रोफिटिंग के अंतर्गत इस पूरे बिल्डिंग की संरचना को नए सिरे से अपडेट करने के लिए कार्य किया जा रहा है। इस कार्य में लगभग 2.16 करोड़ रूपया खर्च किया जा रहा है। जबकि तारामंडल, पटना के मुख्य भवन का जीर्णोद्वार एवं उन्नयन कार्य 24.91 करोड़ रुपया से कराया जा रहा है। सभी कार्य में तेजी लाने का निदेश दिया गया है।

इन सुविधाओं से होगा लैश


पटना कमिश्नर कुमार रवि ने इंदिरा गांधी साइंस कॉम्प्लेक्स स्थित तारामंडल, बिहार रिमोट सेंसिंग ऐप्लिकेशन सेन्टर, ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया, लॉन्ज, एक्जीबिशन गैलरी, जी.आई.एस। प्रयोगशाला, लाईब्रेरी, गेस्ट हाउस एवं अन्य का एक-एक कर निरीक्षण किया और आवश्यक निदेश दिया गया। यहां सभी अपग्रेडेशन का काम बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट करा रहा है। तारामंडल में ऑडिटोरियम, कैफेटेरिया और वीवीआईपी लाउंज का निर्माण किराया जा रहा है। फस्र्ट फ्लोर पर कान्फ्र ंस रूम, मैनेजिंग डायरेक्टर का कमरा, और अन्य ऑफिस को अपग्रेड किया जा रहा है। फस्र्ट फ्लोर पर नई तकनीक पर आधारित एक्जीबिशन गैलरी और 200 क्षमता का तारामंडल तैयार किया गया है। द्वितीय तल पर लाईब्रेरी एवं जीआईएस लैब का निर्माण कराया जा रहा है। इस बिल्डिंग के बाहरी हिस्से को स्टील फसाड, ट्रेवेन्टिन स्टोन एवं स्ट्रक्चल ग्लेजिंग का कार्य कराया गया है। स्टूडेंट्स, रिसचर्र और अंतरिक्ष विज्ञान में रूचि रखने वालों के लिए यह बहुत लाभदाय होगा।