-पटना जिला प्रशासन की अनदेखी, बिना जांच उफनती गंगा में चल रही नाव

-गंगा का जलस्तर बढ़ने के बावजूद बिना फिटनेस जांच कराए चल रही नाव

-गंगा घाटों पर अधिकांश नावों में पानी लीकेज की समस्या

PATNA: गंगा में हर दिन सुबह से लेकर शाम तक मौत की सवारी चल रही है। राजधानी में गंगा उफन रही है। जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इसके बावजूद तेज धारा में अनफिट नाव से लोगों को गंगा पार कराया जा रहा है। जबकि अधिकांश नाव कागजों में ही सत्यापित हैं। इसके अलावा पटना के विभिन्न घाटों से चलने वालीं अधिकांश नाव में या तो लीकेज है या उसका जेनरेटर अचानक खराब हो जाता है। जिससे नाव के जरिए गंगा पार करने वाले लोगों की जान सांसत में रहती है। वहीं, गंगा में जलस्तर बढ़ने से नाविक लोगों से मनमाना किराया भी ले रहे हैं।

इस तरह खुली पोल

सरकार द्वारा वेरिफाइड नावों की हकीकत जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने जब पड़ताल की तो प्रशासनिक लापरवाही की पोल खुल गई। नाविकों से जब बात की गई तो पता चला कि पिछले दो साल से नाव की जांच नहीं हुई है। प्रशासनिक अधिकारी देखने नहीं आते हैं कि गंगा में कौन सी नाव चल रही है। नाव की हालत क्या है। कहीं लोगों की जान खतरे में डालकर तो नाव नहीं चल रही है। यह सब हो रहा पटना कलेक्टर ऑफिस के पीछे अंटा घाट पर। इस घाट से अनफिट नाव में लोगों को भरकर गंगा पार कराया जा रहा है।

नाव में भरा रहता है पानी

पटना में चलने वाली नावों की फिटनेस का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि अधिकांश नाव में लीकेज है। जिससे नाव में पानी भरा रहता है। यात्रियों के बैठने से पहले नाविक नाव से पानी निकालता है। बताते चलें कि पतंग उत्सव के दौरान भी पानी भरने से नाव बीच गंगा में डूब गई थी। जिसमें 22 लोगों की डूबने से मौत हो गई थी।

अगर कोई नाव बिना भौतिक सत्यापन की चल रही है तो इसकी जांच कराई जाएगी। इसके लिए एमवीआई और थानों को जिम्मेदारी दी गई थी। अभी प्रशासन की ओर किराया तय नहीं किया गया है। शिकायत मिलने एक्शन लिया जाएगा।

-डॉ। चन्द्रशेखर सिंह, डीएम पटना