पटना (ब्यूरो)। एक बार फिर से दिवाली पर इलेक्ट्रिक बाजार जगमग है। लोग अपने घर की बेहतर लाइटिंग करने के लिए रंग -बिरंगे लाइट आदि की खरीदारी कर रहे हैं। ग्राहकों के आने से पटना के चांदनी मार्केट में रौनक है। इस बार भी एक से बढ़कर एक इनोवेटिव तरीके के लाइट बाजार में आए हैं। बता दें कि बीते साल दिवाली कोविड के फस्र्ट वेव के तुरंत बाद का समय था और नए प्रोडक्ट भी बहुत कम थे। साथ ही कोविड के व्यापक प्रभाव के कारण बाजार में कस्टमर्स भी घरों से कम ही निकल रहे थे। इस बार कोविड काफी हद तक कंट्रोल है। इलेक्ट्रिक बाजार में लोगों की अच्छी फुटफॉल देखने को मिल रहा है।

लंबे लेंथ की सजावट
इस बार के लाइट बाजार में लोग बेहद सहज तरीके से लाइटिंग चाहते हैं। इसके लिए लंबे लेंथ वाले डेकोरेटिव लाइट की खरीद कर रहे हैं। क्योंकि उन्हें घर को सजाने के लिए केवल एक प्लग से कनेक्शन मात्र ही पर्याप्त होगा। ऐसे लाइटिंग से अधिक से अधिक स्पेश भी कवर हो जाता है। इसके अलावा हैंगिंग लाइट बाजार में इस बार इंडियन लाइट बीते साल की तुलना में ज्यादा आए हैं।

हैंगिंग लाइट का डेकोरेशन
हैंगिंग लाइट का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इस बार बीते तीन-चार सालों में सबसे अधिक डिजाइन हैंगिंग लाइट में आए हैं। इसमें गोल्डन लीफ, राउंड बल्ब, छोटे झालर लाइट और हैंगिंग मल्टी कलर प्रमुख हैं। मोर लटकन, घंटी लाइट और छाता लाइट भी आकर्षण हैं। इसे लेकर चांदनी मार्केट में दुकानदारों ने अपने शॉप के गेट पर ही इन हैंगिंग लाइट की खास डिस्पले की है।

बजट की खरीदारी पर फोकस
यह दिवाली न केवल कोविड के दो वेव के बाद की खरीदारी है। बल्कि स्मार्ट प्री पेड के भारी बिल आने के बाद का पहला मौका है। पटना में लगभग साढ़े पांच लाख बिजली उपभोक्ताओं में से करीब पौने दो लाख घरों में स्मार्ट प्री पेड मीटर लग चुका है। लोग अवेयर हैं कि उन्हें बिल हमेशा एडवांस पे करना है। इसलिए ग्राहक प्रोडक्ट की पावर कंज्मशन के बारे में भी पूछ रहे हैं। लोग डेकोरेशन चाहते हैं बिल की बचत के साथ। जीत इलेक्ट्रानिक्स में गोविंद सिंह ने बताया कि कस्टमर यह भी पूछ रहे है कि फ्लां-फ्लां लाइट कितनी बिजली कंज्यूम करती है, उन्हें गाइड किया जाता है। ग्राहक पारंपरिक तरीके से यानि दीए और मोमबत्ती से भी लाइटिंग कर रहे हैं।

एलईडी है इकोनामी क्लास
लाइट के डेकोरेशन के लिए बाजार में प्रोडक्ट की धूम है। लेकिन बिजली बिल का बोझ न हो, इसके लिए बेहद कम बिजली खपत वाले प्रोडक्ट के लिए एलईडी बेस्ट है। तीन दशकों से अधिक समय से बिजली के कारोबारी जीत सिंह कहना है कि जीरो वाट वाले बल्ब में 15 वाट की खपत होती है। उसकी जगह पर रंगीन एलईडी लाइट जो कि 0.5 वाट के हैं और कंपनियों की वारंटी भी मिल रही है। इसके अलावा, बिजली अचानक से गुल हो तो घर अंधेरा न हो जाए, लोग इनवर्टर या डीसी बल्ब भी ले रहे हैं। बिजली कटी तो यह चार घंटे तक रौशनी कर सकता है।


लाइटिंग प्रोडक्ट पर एक नजर
मोर लटकन - 550 रुपये
घंटी लाइट - 350 रुपये
छाता लाइट 450 रुपये
छोटा झूमर 100 से 180 रुपये
दिवाली प्लेट 300 रुपये
रिवालविंग लोटस - 100 से 120 रुपये