- राज्य सरकार के आदेश से बी फार्म डिग्री होल्डर हैरान- परेशान

PATNA (3 Nov):

सरकारी आदेश से ही राजकाज चलता है। लेकिन कभी-कभी यही आदेश असुविधा और विवाद की वजह बन जाता है। ताजा मामला फार्मासिस्ट के पदों पर नियुक्ति के लिए फार्मेसी में डिप्लोमा को योग्य और बी फार्म करने वालों को योग्यता की शर्त से बाहर रखने का है। इसके कारण राज्य में बी फार्म के हजारों डिग्री होल्डर्स परेशानी में हैं। उन्हें यह समझ में नहीं आ रहा कि डिप्लोमा से बेहतर व उच्च योग्यता रखने वाले बी फार्म होल्डर जिस फार्मासिस्ट के पद के लिए आवेदन देने के लिए पढ़ाई करते हैं, वह अचानक से मान्य योग्यता से बाहर कैसे हो सकते हैं।

यह है मामला

दरअसल, बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अंग राज्य स्वास्थ्य समिति के विज्ञापन संख्या 7 / 2019 के आधार पर फार्मासिस्टों के लिए संविदा पर बहाली निकाली गई है। जिसमें बी फार्म के कैंडिडेट्स को मौका नहीं दिया जा रहा है। जबकि फार्मेसी के नियमों के अनुसार बी फार्म को ही हॉस्पिटल में बतौर इस पद पर कार्य करने के लिए योग्य माना जाता है। इसमें भारत सरकार और राज्यों के फार्मासिस्ट पद पर बी फार्म के कैंडिडेट्स योग्य होते हैं। कई बार बहाली भी हुई है। लेकिन इस बार मामला उलटा है। रोचक तथ्य यह है कि वर्ष 1999 और 2013 की बिहार राज्य के द्वारा फार्मासिस्ट पद बी फार्म के कैंडिडेट्स का चयन किया गया था। ये सभी अभी राज्य सरकार के हॉस्पिटलों में पदस्थापित भी है।

आठ हजार आवेदक होंगे प्रभावित

बी फार्म डिप्लोमा होल्डरों का कहना है कि सरकार का यह फैसला गलत है। इससे करीब आठ हजार की संख्या में बी फार्म होल्डर प्रभावित होंगे। इस बारे में इन सभी की अगुआई कर रहे छात्र नेता अर्जेश राज श्रीवास्तव ने कहा कि यह सरकार की गलत नीति है। इसे लेकर राज्य के सभी फार्मा कॉलेज के छात्र एकजुट हैं। सभी इस फैसले का विरोध करने के लिए पांच नवंबर को आक्रोश मार्च निकालेंगे। आवश्यकता पड़ने पर कोर्ट की भी शरण में जाएंगे।

गजट की भी अनदेखी

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इस मामले में अलग -अलग पक्षों से बात की। इसमें यह बात सामने आया है कि इसमें भारत सरकार के गजट की ही अनदेखी की गई है। इसमें यह स्पष्ट है कि डिप्लोमा, डिग्री और डी फार्म क्रमश: वरीयता में कम से अधिक के क्रम में हैं। इसलिए डिप्लोमा सबसे कम योग्यता वाले होते हैं। इस बारे में एक्सपर्ट का कहना है कि फार्मासिस्ट के पद के लिए तीनों ही योग्य हैं। लेकिन प्रमोशन को लेकर अधिकतम योग्यता वाले ही मान्य माने जाएंगे।

कोट

बिहार सरकार ने इस निर्णय के संबंध में फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया से कोई सलाह नहीं मांगी। जबकि इसके सभी नियम काउंसिल के मुताबिक ही तय होते हैं।

- कुमार अजय मेंबर फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया