- महिलाएं गोबर से करेंगी वुड और फ्लास्क का निर्माण

- पटना नगर निगम और यूएनडीपी की मदद से वेस्ट गोबर होगा रीयूज

PATNA :

पटना में इन दिनों कचरे के सेग्रेशन के लिए कई प्लांट तैयार किए जा रहे हैं। इन्हीं में से एक है वेस्ट गोबर से डिजाइनर फ्लास्क और वुड यानी लकड़ी के निर्माण की तैयारी की। नगर निगम और यूएनडीपी के सहयोग से पाटलिपुत्र में इसका प्लांट लगाया जाएगा जहां मशीनों द्वारा गोबर से लकड़ी और गमलों का निर्माण होगा। उज्जैन से प्रेरित यह प्रोजेक्ट जल्द ही शुरू किया जाएगा। इसके लिए मशीनों की खरीदारी की जाएगी।

कचरे में होती है गोबर से परेशानी

अधिकारी बताते हैं एक तरफ तो हम सूखा और गीला कचरा अलग लेने की बात करते हैं लेकिन कई खटाल मालिक या तो कचरे में गोबर को डाल देते हैं या फिर नालों में उसे बहा देते हैं ऐसे में शहर में गंदगी दूर नहीं हो पा रही है। बरसात के दिनों में स्थिति और भी खराब हो जाती है ऐसे में हम उन गोबर से मशीनों के द्वारा डिजाइनर गमले और उपयोग में आने वाली लकडि़यां तैयार करेंगे। इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा और गोबर का सही उपयोग भी हो जाएगा।

क्या हैं फायदे

गोबर से तैयार लकड़ी या गमले का उपयोग पूजा-पाठ जैसे शुद्ध कामों में हो सकता है। मात्र 15 सेकेंड में मशीन एक लकड़ी तैयार कर देगी जो कि पूजा और अन्य शुभ कामों के अलावा शवदाह में भी उपयोग हो सकती है। इसके साथ ही गोबर से बनाने वाले गमले भी ना सिर्फ डिजाइनर होंगे बल्कि उनमें उर्वरा शक्ति भी भरपूर मात्रा में होगी। इसके साथ ही लोगों को कम कीमत में आकर्षक गमले और अच्छी क्वालिटी की लकडि़यां मिल पाएंगी। यूएनडीपी की तरफ से ही इन को बाजार भी मुहैया कराया जाएगा।

पाटलिपुत्र अंचल से शुरुआत

यूएनडीपी के प्रोजेक्ट इंचार्ज अरविंद कुमार ने बताया कि अभी इस प्रोजेक्ट की शुरुआत पाटलिपुत्र अंचल से करेंगे। इस अंचल के कई वार्ड में बहुत से खटाल हैं जहां से गोबर उपलब्ध होगा। गोबर से गमले और वुड बनाने वाली मशीन की कीमत 65 से 75 हजार रुपए है। 1 घंटे में यह मशीन 100 गमले तैयार कर देंगे जिसमें 2.50 केजी गोबर लगेगा। गोबर के साथ अन्य सामग्रियों के मिश्रण से यह तैयार होगा। वहीं 300 केजी वुड भी इससे तैयार हो जाएगा।

महिलाओं को मिलेगा रोजगार

गोबर को कलेक्ट जहां निगम के सफाई कर्मी या डोर टू डोर की सेवाएं करेंगे वही स्वयंसेवी महिलाएं या सफाई कíमयों को यहां पर रोजगार दिया जाएगा। गोबर में कई पदार्थ मिलाकर उनकी फ्रेमिंग और अन्य प्रोसेस को 6 महीने तक ट्रेनिंग देने के बाद महिलाओं के सारी योजनाएं दी जाएंगी। शुरुआत में यूएनडीपी की देखरेख में उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

प्रोजेक्ट पर एक नजर

- 65 से 75 हजार रुपए मशीन की कीमत

100 गमले तैयार होंगे 1 घंटे में मशीन से

2.50 केजी गोबर के साथ अन्य सामग्री लगेगी एक मशीन में

- 300 केजी वुड भी तैयार हो जाएगा मशीन से

- काम करने वालों को दी जाएगी 6 महीने तक ट्रेनिंग