पटना ब्‍यूरो। एक तरफ पर्यावरण संरक्षण व प्रदूषण रोकने के लिए सरकार पॉलिथीन के बाद अब थर्मोकाल व प्लास्टिक के सिंगल यूज उत्पादों को दो साल पहले प्रतिबंधित कर चुकी है। दूसरी ओर इसके बावजूद पटना में खुलेआम सिंगल यूज प्लास्टिक पर न तो रोक लग सकी और न ही पॉलिथीन का यूज बंद हुआ है। फुटकर कारोबारी से लेकर बड़े दुकानों में व्यापारी प्लास्टिक का यूज करते दिख रहे हैं। आज विश्व पर्यावरण दिवस पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में पढि़ए ये रिपोर्ट

पटना में रोज निकल रहा 1200 टन कचरा
पटना नगर निगम सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पटना में प्रतिदिन 1200 टन कचरा निकलता है। जिसमें प्रतिदिन 100 टन कचरा होता है। इसमें सिंगल यूज प्लास्टिक की संख्या अधिक है। सिंगल यूज प्लास्टिक को नाले में डालने से मैनहोल व कैचपिट जाम होने की शिकायत मिलती रहती है। बारिश के दिनों में नाले जाम होने से पानी सड़कों पर बहने लगता है।

20 लाख रुपए का हुआ था जुर्माना
पटना नगर निगम की ओर से पिछले साल छापेमारी कर लगभग 20 लाख रुपए व्यापारियों से जुर्माना किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि प्लास्टिक अपशिष्ट को खुले में जलाने पर पहली बार दो हजार रुपये, दूसरी बार तीन हजार रुपये जुर्माना लगेगा। घरेलू उपयोग किये जाने पर पहली बार 100 व दूसरी बार 200 रुपये जुर्माना का प्रावधान है। सार्वजनिक स्थानों, पार्क व नाला अन्य जगहों पर इसके इस्तेमाल पर पहली बार एक हजार व दूसरी बार 1500 रुपये दंड का प्रावधान है।

फुटकर दुकानों में खुलेआम यूज
सब्जी बेचने वाले फुटकर व्यापारी से लेकर राशन कारोबार करने वाले व्यापारी पॉलिथीन का यूज खुलेआम कर रहे हैं। रियलिटी चेक करने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम राजीव नगर, इन्द्रपुरी, बोरिंग रोड, राजापुल पुल व मीठापुर सब्जी मंडी जाकर रियलिटी चेक किया तो कारोबारी पॉलिथीन का यूज खुलेआम करते दिखे।

जलवायु परिवर्तन को करता है प्रभावित
एक्सपर्ट की मानें तो प्लास्टिक कचरा जलवायु परिवर्तन को प्रभावित करता है। यदि प्लास्टिक को जलाया जाता है तो यह काफी मात्रा में कार्बन डाइ ऑक्साइड को छोड़ता है। कचरा प्रबंधन स्थलों (लैंडफिल साइट) लंबे समय तक जमा रहने से यह मीथेन उत्सर्जित करता है। अंतरराष्ट्रीय संगठन आईयूसीएन के मुताबिक समुद्री तलछट के कचरे में 80 परसेंट प्लास्टिक ही है। समुद्रों में इतनी प्लास्टिक की मौजूदगी जलीय पारिस्थितिकीय तंत्र को प्रभावित करती है, जीवों के पेट में प्लास्टिक भर जाता है। इससे पूरी समुद्री जैव-विविधता प्रभावित हो रही है।

एक नजर इस पर भी
-पटना जिले में प्रतिदिन 100 टन प्लास्टिक कचरा निकलता है।
-रोक के बावजूद सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग हो रहा है।
-पिछले साल तकरीबन 20 लाख रुपए जुर्माना वसूल किया गया था।
-देश में 2022 में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा है।


एक-दो दिन के बाद प्लास्टिक उपयोग करने वाले व्यापारियों पर कार्रवाई की जाएगी। निगम के कई अधिकारी चुनाव में व्यस्त थे। व्यापारी प्लास्टिक यूज करने लगे थे। वैसे लगातार कार्रवाई हुई है।
-राजन सिन्हा, अपर नगर आयुक्त, पटना नगर निगम