- मृत बच्ची के दो भाईयों का हाजीपुर सदर अस्पताल में चल रहा इलाज

- तीन दिनों में वैशाली जिला में डायरिया से तीन च्च्चों की हो चुकी है मौत

- दुखद त्रासदी, गरीब एवं बेवश मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ रही दवा

PATNA / HAZIPUR : वैशाली जिले में डायरिया का कहर लगातार जारी है। शनिवार को भी सदर अस्पताल में इलाज के क्रम में एक मासच्म बच्ची की मौत हो गई, जबकि उसके दो भाई सदर अस्पताल में ¨जदगी और मौत से जूझ रहे हच्। बच्ची के शव को बिना पोस्टमार्टम कराए ही परिजनों को घर ले जाने की इजाजत दे दी गई हच्। बच्ची के मौत के मामले में अस्पताल प्रशासन कुछ भी बोलने से परहेज कर रही हच्। बच्ची की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने आनन-फानन में उसके दोनों भाईयों को पटना रेफर कर दिया गया है।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार देसरी थाना क्षेत्र के पहाड़पुर तोई गांव निवासी रामईश्वर सहनी के बड़े पुत्र बारह वर्षीय शिव चरण सहनी को शुक्रवार की दोपहर को डायरिया होने पर परिजनों ने उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया था। उसका इलाज चल ही रहा था कि उसके दूसरे पुत्र दस वर्षीय विकेश कुमार एवं चार वर्षीय शैला कुमारी भी डायरिया की चपेट में आ गई। उन दोनों को भी परिजनों ने आनन-फानन में इलाज के सदर अस्पताल में भर्ती कराया।

रामईश्वर सहनी के तीनच्ें बच्चों का इलाज सदर अस्पताल में चल ही रहा था कि उचित इलाज के अभाव में उसकी पुत्री शैला कुमारी की मौत शनिवार की दोपहर में हो गचर््। बच्ची की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन सचेत हो गई तथा उसके दोनच्ें बच्चों को पीएमसीएच रेफर कर दिच। बच्ची की मौत के बाद उपजे तनाव की सूचना मिलते ही उपाधीक्षक यूपी वर्मा अस्पताल पहुंच गए। उन्होने परिजनों को समझा बुझाकर मामला को शांत कराया। ज्ञात हो कि दो दिन पूर्व भी सदर प्रखंड के मनुआं पंचायत में दो मासूम की मौत डायरिया से हो गई थी। इसके बाद भी जिला प्रशासन ने इस दिशा में कोई ठोस कदम अब तक नही उठा पाई है।

बाहर से मरीजों को खरीदनी पड़ रही दवा

सदर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराए गए डायरिया से च्ीडि़त बच्चे के परिजनों से सीएस के आदेश के बाद भी इमरजेंसी वार्ड में तैनात कर्मियों ने बाहर से लगभग ख्भ्00 सौ रुपए की दवा खरीदवा दी। बाहर से दवा खरीदे जाने की जांच जब सदर अस्पताल के उपाधीक्षक ने की तो पता चला की दर्द समेत कई तरह के दवा सदर अस्पताल में सक्रिय दलाल ने परिजनों से खरीदवा दी है जिसकी मरीज को कोई जरुरत नही थी।

ज्ञात हो कि इससे पूर्व भी मनुआं के डायरिया पीडि़त मरीज के परिजनों से भी फ्000 हजार रुपए का दवा खरीदवा दिया गया था। परिजन ने इसकी शिकायत सीएस से की तो उन्होने इसकी जांच कराने का आश्वासन परिजनों को दिया था। यह मामला अभी शांत भी नही हुआ था कि शनिवार को पुन: इस तरह का एक मामला प्रकाश में आ गया है। इस मामले से अस्पताल प्रशासन अपनी गलती स्वीकार करने की बजाए पल्ला झाड़ने में लगी हुई है। जबकि सीएस के अनुसार इस बीमारी के सभी दवा अस्पताल में उपलब्ध है।

बाहर का दवा न लिखने का आदेश

सदर अस्पताल के उपाधीक्षक यूपी वर्मा ने इस मामले को तूल पकड़ते देख शनिवार को यह आदेश जारी कर दिया कि सदर अस्पताल के चिकित्सक अब बाहर की दवा अस्पताल के पुर्जा पर नही लिखेंगे। गंभीर मरीज को पटना भेज दिया जाएगा। उन्होने कहा कि सदर अस्पताल के डाक्टर जब बाहर की दवा नही लिखेंगे तो सदर अस्पताल में मंडरा रहे दलाल और एमआर भी नजर नही आऐंगे। मरीज के परिजन ने उन्हे बताया था कि अस्पताल में सक्रिय दलाल ने उन्हे बाहर से दवा खरीदवा दी है। वही उन्हे यह भी बताया गया था कि डाक्टर के साथ एमआर बैठे रहते है वही अपने कंपनी का दवा उनसे लिखवातें