पाटलिपुत्र पानी टंकी के पास कूड़ा डंपिंग यार्ड पटनाइट्स के लिए मुसीबत बना हुआ है। डंपिंग यार्ड की पूरी व्यवस्था ध्वस्त अवस्था में हैं। शेड टूट गए हैं, दूर-दूर तक दुर्गंध फैल रहा है और काफी शिकायतें मिलने के बाद भी इस मामले पर पटना नगर निगम लापरवाह बना हुआ है। पाटलिपुत्र जैसे वीआईपी और पॉश इलाके में इस डंपिंग यार्ड से एक बड़ी आबादी प्रभावित है और अब संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। जहां दिन में यहां से दुर्गंध के कारण गुजरना मुश्किल है तो रात में यहां आस-पास के लोग सो नहीं पाते हैं। पेश है रिपोर्ट।

रूमाल रख भागते हैं

एक ओर पाटलिपुत्र कॉलोनी, पानी टंकी का हिस्सा और आगे अटल पथ और शिवपुरी के लोगों को दुर्गंध की वजह से नाक पर रूमाल रखकर गुजरना पड़ता है। खास तौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए यहां से गुजरना और भी कठिन महसूस होता है।

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने लिया जायजा

पाटलिपुत्र में बने डंपिंग यार्ड से निकलने वाली दुर्गंध करीब 100 मीटर के दायरे में दूर तक लोगों को प्रभावित कर रही है। आस-पास के अपार्टमेंट में फर्श पर मक्खी का जमावड़ा लगा रहता है। अपार्टमेंट, दुकानदार और सड़क से गुजरने वाला हर व्यक्ति परेशान महसूस करता है। पास में ही सड़क के दूसरी ओर शिवपुरी में शाही रेजिडेंसी, विवेक विहार, विशाल अपार्टमेंट और रामचंद्र काम्प्लेक्स तक इसकी दुर्गंध फैल रही है।

मामले पर निगम मौन

इस मामले पर पटना नगर निगम का पक्ष जानने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पाटलिपुत्र सर्किल के इओ, अपर नगर आयुक्त और कमिश्नर से भी फोन पर संपर्क किया। लेकिन इस बारे में किसी ने भी जबाव देने की जहमत नहीं उठाई। हां, करीब दो महीने पहले जब यह मामला उठा था तब यार्ड का संचालन करने वाले एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने की बात बताई गई थी। लेकिन वर्तमान स्थिति में निगम इसे हटाने या डंपिंग यार्ड के बेहतर प्रबंधन के लिए क्या कर रहा है। इस पर कोई जानकारी नहीं दी गई।

शेड़ हो गए गायब
जहां ओर पाटलिपुत्र जैसे वीआईपी कॉलानी में ही यह डंपिंग यार्ड है, वहीं इसके लिए प्रोटोकाल के तहत बनाये गए शेड भी गायब हो गए। यह कैसे गायब हो गया है या चोरी हो चुका है, इस बारे में कोई कुछ नहीं बता रहा है। लेकिन शेड के हट जाने से कूड़ा पदल पथ तक आ गया है। जानकारी हो कि नगरपालिका ठोस अपशिष्ट, प्रबंधन एवं संचालन नियमावली 2000 के अनुसार कूड़ा संग्रहण केन्द्र का घेराव अनिवार्य है।

मिल रही शिकायत, उठाएंगे मामला
इस बारे में जब वार्ड नंबर 7 के वार्ड पार्षद अमर कुमार से बात की गई तो उनका भी दर्द छलक उठा। उन्होंने बताया कि हमें कई शिकायतें मिल रही हैं और इसे हटाने जाने के लिए लोग आग्रह कर रहे हैं। न्यू पाटलिपुत्र कॉलोनी, शिवपुरी, महेश नगर और आसपास के मुहल्लों के लोग दिन में तो दुर्गंध से परेशान हैं ही, रात में भी नहीं सो पाते हैं। जल्द ही इस मामले को निगम की बैठक में भी उठाया जाएगा।

दो साल पहले भी उठा था मामला
न्यु पाटलिपुत्र इलाके में डंपिंग यार्ड से परेशानी का यह कोई नया मामला नहीं है। दो साल पहले भी इससे लोगों के संक्रमित और बीमार होने का मामला उठा था। स्थानीय लोगों के विरोध के कारण यह मामला बिहार विधान सभा में भी उठाया गया था। तब श्रीलोक अपार्टमेंट में यह सबसे अधिक बीमार लोगों का मामला सामने आया था। पानी टंकी के पास लोगों ने कूड़ा डंप प्वाइंट बनाये जाने को लेकर मानव श्रृंखला बनाकर भी विरोध किया था। लेकिन तब से अब तक पटना नगर निगम की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं की गई। स्थानीय लोगों ने इसे हटाकर कहीं और शिफ्ट करने की भी मांग की थी।

कचरे वाले चुनते हैं प्लास्टिक
चूंकि शेड हट गया है तो यहां से कचरा से प्लास्टिक अलग करने वाले लोग इससे कचरा चुनकर ले जाते हैं। यह खुला हो जाने के कारण वहंा पर निगम का कंट्रेाल नहीं है। कोई भी उस एरिया तक आ -जा रहा है। ऐसे होने से संबंधित व्यक्ति से संक्रमण और अधिक फैलने का खतरा बना रहता है। जबकि निगम की ओर से इसे रोकने के लिए कोई पहल नहीं है।