-ट्रेन पकड़ने के लिए छूट रहे पसीने, राजीव नगर से राजेंद्र नगर पैदल जा रहे पैसेंजर

PATNA : लॉकडाउन की वजह से ट्रेन पकड़ने स्टेशन जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिन में तो किसी तरह उन्हें गाड़ी मिल जा रही है। लेकिन रात में उनके लिए स्टेशन की डगर काफी मुश्किल लग रही है। रात में उन्हें न तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट मिल रहा है और न ही रिजर्व गाडि़यां। पुलिस के डर से घर वाले भी उन्हें छोड़ने के लिए स्टेशन नहीं जा रहे हैं। ऐसे में लोग पैदल ही ट्रेन पकड़ने के लिए स्टेशन रवाना हो रहे हैं। यही हाल दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों का है। ट्रेन से उतरने के बाद उनको घर जाने के लिए गाडि़यां नहीं मिल रही हैं। यदि गाड़ी मिल भी रही है तो मनमाना भाड़ा वसूला जा रहा है।

ऑटो वाले तैयार नहीं

रात में एक भी ऑटो ड्राइवर स्टेशन जाने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। ऑटो ड्राइवर का कहना है कि दो-तीन सौ रुपए की कमाई के चक्कर में कहीं पुलिस ने पकड़ लिया तो महंगा पड़ जाएगा। पॉलिटेक्निक मोड़ पर शाम लगभग सात बजे एक ऑटो ड्राइवर से पटना जंक्शन जाने के लिए कहा गया तो उसने मना कर दिया। उसने बताया कि हर चौराहे पर पुलिस तैनात है। पकड़े जाने पर पहले वह पिटाई कर रही है फिर जुर्माना वसूल रही है। उसने बताया कि हमलोग लोकल में इस समय चल रहे हैं।

कैब का सहारा

रात में स्टेशन जाने वालों के लिए कैब का ही सहारा है। वह भी बड़ी मुश्किल से मिल रही है। राजीव नगर रोड नंबर 14 के रहने वाले पप्पू कुमार ने बताया कि उनके भाई को ट्रेन पकड़ने के लिए रात में राजेंद्र नगर टíमनल जाना था। कई ऑटो ड्राइवर से चलने के लिए कहा। लेकिन वे तैयार नहीं हुए। अंत में कैब को ऑनलाइन सर्च किया तो बड़ी मुश्किल से एक कैब बुक हो पाया।

प्रवासी परेशान

दूसरे प्रदेश से आने वाले प्रवासी भी गाड़ी नहीं मिलने की वजह से परेशान है। ट्रेन से उतरने के बाद उनको बस स्टैंड या पटना के अन्य इलाके में जाने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है। पटना रेलवे स्टेशन गोलंबर के पास में पहले हर वक्त ऑटो और रिक्शा की भीड़ रहती थी। पैसेंजर आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच जाते थे। लेकिन इन दिनों वाहनों की संख्या कम होने से वे परेशान हो रहे हैं। सड़क पर वाहन कम होने के चलते यात्री पैदल सफर करने को मजबूर हो रहे हैं।

पटना में रफ्तार पर लगा ब्रेक

लॉकडाउन से वाहनों की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। पुलिस की कार्रवाई के डर से ऑटो और बस सड़क पर कम दिख रही है। सड़कें सुनसान दिख रही हैं। शाम होते ही सड़क पर एक भी ऑटो या बस नहीं चल रही है। सड़कों पर ऑटो और सार्वजनिक यातायात के अन्य साधनों के कमी के चलते स्टेशन सहित दूसरी जगह जरूरी काम से जाने वाले परेशान हो रहे हैं।