पटना(ब्यूरो)। आरबीआई ने दो हजार रुपये के नोटों को पूरी तरह से वापस लेने का फैसला जैसे ही कियाा, पटना में खलबली मच गई। काफी संख्या में लोग बाजारों और पेट्रोल पंपों पर पहुंच रहे है। दो हजार रुपयेे के बदले सामान खरीदने या तेल भरवाने बात कही, जिस पर दुकानदारों व पेट्रोल पंप कर्मियों ने इस नोट को लेने से इनकार कर दिया। शनिवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शहर के पेट्रोल पंप व किराना दुकानों की पड़ताल की। पढि़ए यह रिपोर्ट

दो हजार के नोट चलाने की होड़

शुक्रवार देर शाम दो हजार रुपये के नोटों को वापस लेने का जैसे ही फैसला किया गया, उसके बाद से ही आभूषणों, कपड़े की दुकानों, मॉल व गल्ला विक्रेताओं के यहां लोग पहुंचने लगे। ऐसा ही आलम शनिवार को भी इन जगहों पर देखने को मिला। सभी के पास दो हजार रूपये की नोट थी। बाकरगंज, पटना मार्केट, शहर के विभिन्न पेट्रोल पंपों पर पहुंचे लोगों ने सामान निकलवाकर या तेल लेकर दो हजार रूपये का नोट निकाल कर देना चाहा लेकिन दुकानदारों ने इसे लेने से मना कर दिया। हालांकि कुछ पेट्रोल पंपों पर कर्मी इसे लेते दिखें। वहीं कई किराना दुकानों पर दुकानदारों ने इसे लेने से यह कहते हुए मना कर दिया कि इसे कहा खपाएंगे। बैंक में उनको कतार में नहीं लगना है। सामाना नोट चेंज कराकर लेकर आए कहकर वापस लौटा दिया।

पेट्रोल पंप पर लगी रही कतार

पंट्रोल पंपों पर तो बाइक और कार सवार लोग फूल टंकी कराने पहुंचे लेकिन पेट्रोल पंप कर्मियों ने भी दो हजार के नोट लेने से मना कर दिया। उधर, बैंकों ने भी दो हजार रूपये के नोट जमा करने की तैयारी शुरू कर दी है। कई बैंकों द्वारा इसके लिए अलग काउंटर बनाए जाने की भी बात कहीं जा रही है।

काफी समय से नहीं दिखाई पड़ रहे थे नोट

दो हजार रूपये के नोट काफी समय से बाजार में नहीं दिखाई पड़ रहे थे। एटीएम में भी लोगों को यह नोट नहीं मिल रहे थे। बैंकों में जाकर सीधे कैश लेने पर भी यह नोट नहीं मिल रहे थे। ऐसे में अचानक दो हजार रुपयेे के नोट सामने आने से हर कोई हैरान है।

लेनदेन की पाबंदी नहीं पर

केनरा बैक में कार्यरत शैलेंद्र सिंह ने बताया कि साल 2016 में नोटबंदी के बाद चलन में मौजूद 500 और 100 के नोट वाले 15.50 लाख करोड़ रुपये बेकार हो गए। ऐसे में इसकी भरपाई करने के लिए मार्केट में वर्ष 2016-17 में 2000 के नोट छापे गए। इसके बाद 2000 के नोट छापने बंद कर दिए गए। क्योंकि उद्देश्य पूरा हो गया था। यह कदम साफ संकेत था कि 2000 के नोट बंद किए जा सकते हैं। फैसला अब किया गया है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं। यह तो होना ही था.हालांकि 2000 का नोट फिलहाल वैध है। इसे लेने से कोई मना नहीं कर सकता। व्यक्ति या दुकानदार के खिलाफ आईपीसी की धारा 489 ए से 489 ई और करंसी एक्ट के तहत डंडात्मक कार्रवाई हो सकती है। गैर खाताधारक भी किसी भी बैंक शाखा में एक बार में 20000 रुपये की सीमा तक 2000 के नोट बदलवा सकते हैं। इसके लिए आपको कोई भी विनिमय सुविधा शुल्क प्रदान नहीं करना होगा। इतना ही नहीं 2000 रुपये के नोटों को बैंक खातों में बिना किसी प्रतिबंध के जमा किया जा सकता है और उसके बाद इन जमा के विरूद्ध नकद राशि किसी भी मूल्य के नोट के रूप में अपनी आवश्यकतानुसार निकाली जा सकती है।