कहीं न कहीं यह शिक्षा का मामला है। शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा तो महिलाओं के प्रति हिंसा में कमी आएगी। डायन बताकर महिलाओं का अपमान न करें। ये बातें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य अशोक पासवान ने शुक्रवार को आयोजित महिलाओं के खिलाफ जेंडर आधारित हिंसा : स्थिति, कारण, चुनौतियों एवं रोकथाम की प्रभावी रणनीतियां विषय पर कहीं। इस राज्य स्तरीय परिचर्चा का आयोजन निरंतर संस्था, बिहार लीगल नेटवर्क एवं बिहार फेडरेशन महासंघ की सम्मिलित सहभागिता के हुई।

मौके पर मुख्य अथिति राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष अश्वमेघ देवी, सदस्य अशोक पासवान अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग, बिहार राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण से जुड़ी शिल्पी धनराज, बिहार कानूनी सेवा प्राधिकरण की संयुक्त सचिव धीरता जसलीन शर्मा सहित निरंतर संस्था निदेशक अर्चना द्विवेदी, लीडर संतोष शर्मा उपस्थिति थे।

प्रताडि़त महिलाओं से जुड़े सर्वे को प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस दौर में भी महिलाओं को डायन बता कर मानसिक तौर पर प्रताडि़त किया जाता है। महिला आयोग अध्यक्ष ने ऐसे मामलों में प्रशासन द्वारा कार्यवाही न होने से निकली निराशा पर कहा कि आयोग द्वारा टोल फ्री नंबर की मांग सरकार से की जाती है।