पटना ब्‍यूरो । एक तरफ स्वास्थ्य विभाग मरीजों के बेहतर इलाज के लिए शहर के अस्पतालों और पीएचसी सेंटरों में दिन में दो बार ओपीडी सेवा शुरू की है, तो दूसरी तरफ पटना में पहले से चल रहे प्राइमरी हेल्थ सेंटरों में डॉक्टर ड्यूटी आवर में भी नहीं बैठते हैं। ये कोई एक हेल्थ सेंटर की बात नहीं है, शहर के कई शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सकों के नहीं रहने से मरीज बैरंग लौट रहे हैं। इसकी शिकायत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के पास पिछले कई दिनों से मिल रही थी। पड़ताल करने के लिए जब हमारी टीम शहर के तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पहुंची तो पता चला कि कहीं ट्रेनिंग में डॉक्टर गए हैं तो कहीं छह माह से डॉक्टर साहब आए ही नहीं है। पढि़ए लाइव रिपोर्ट
पीएचसी, शास्त्री नगर
समय : दोपहर 12.00 बजे
यहां शुक्रवार तक नहीं मिलेंगे डॉक्टर
शास्त्री नगर स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में पड़ताल करने के लिए रिपोर्टर जैसे ही केन्द्र के गेट पर पहुंचा तो गार्ड ने उसे रोक दिया। रिपोर्टर द्वारा पूछने पर गार्ड ने बताया कि डॉक्टर साहब पिछले दो दिनों से नहीं हैं। और अगले शुक्रवार तक नहीं रहेगें, इसलिए न कोई इलाज होगा, न दवा मिलेगी। शुक्रवार के बाद आएं। अस्पताल में टिटनेस का इंजेक्शन लेने आए मरीज को भी बिना इंजेक्शन दिए लौटा दिया गया.
पीएचसी, राजापुर पुल
समय : दोपहर 12.30 बजे
छह माह से नहीं आएं डॉक्टर
इसके बाद हमारी टीम राजापुर पुल स्थित शहर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंची। एक पतली सी गली में किराए के मकान में संचालित स्वास्थ्य केन्द्र में जांच से लेकर दवा तक की व्यवस्था थी। मगर डॉक्टर के अभाव में मरीजों को बिना दवा दिए ही एक्सपायर हो रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले छह माह से यहां डॉक्टर नहीं आए हैं। मरीज इलाज के लिए तो आते हैं मगर बिना इलाज के ही वापस चले जाते हैं। पीएचसी सेंटर की सुरक्षाा में लगे गार्ड ने बताया कि जांच और दवा की व्यवस्था है मगर बिना डॉक्टर के दवा कौन देगा। वहीं एक स्वास्थ्य कर्मी ने बताया कि यहां चार डॉक्टर की तैनाती की गई है, मगर सभी की दूसरे स्थानों पर प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। इसलिए यहां डॉक्टर नहीं रहते हैं.
पीएचसी, कंकड़बाग
समय : दोपहर एक बजे
कंकड़बाग स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज के लिए प्रतिदिन 40 से 50 मरीज पहुंचते हैं। लेकिन डॉक्टर के अभाव में दोपहर एक बजे ही केन्द्र बंद हो जाता है। वहां मौजूद एक कर्मचारी ने बताया कि डॉक्टर साहब के पास बहुत काम है इसलिए जल्दी निकल जाते हैं। जबकि ओपीडी का समय सुबह 11 बजे से शाम को 7 बजे तक निर्धारित है। इस केन्द्र पर प्राथमिक जांच की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। जबकि नियमानुसार शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था होनी चाहिए.
दोपहर तक सुना हो जाता है केन्द्र
मरीजों ने बताया कि पटना के अधिकांश शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में सुबह के समय मरीजों की भीड़ रहती है। इलाज कराने के लिए मरीज आते हैं। लेकिन डॉक्टर और स्टाफ की कमी के कारण बिना इलाज के ही मरीज लौट जाते हैं.
पीएचसी पर ये हैं कमियां
- शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डॉक्टर उपलब्ध नहीं है.
- जांच की व्यवस्था नहीं है
- समय से पहले लग जाता है ताला
- राजापुल पुल स्थित पीएचसी सेंटर में छह माह से डॉक्टर नहीं है
- शास्त्री नगर पीएचसी सेंटर में शुक्रवार तक डॉक्टर नहीं है
- डॉक्टर के अभाव में बिना इलाज लौट रहे हैं मरीज
-पीएचसी में जांच की नहीं है व्यवस्था
शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति ठीक नहीं है। डॉक्टर के अभाव में मरीज बिना इलाज ही लौट जाते हैं.
- सिमरन सिंह, आम पब्लिक
पिछले दिनों इलाज के लिए कंकड़बाग शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र गए तो पता चला कि डॉक्टर साहब नहीं है, इसलिए इलाज नहीं करा सकें.
- शेखर पाठक, आम पब्लिक
सरकार को चाहिए शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की दशा में सुधार करें। डॉक्टर और जांच की मुक्कमल व्यवस्था हो तभी मरीज का सही-सही इलाज होगा.
- राम भजन प्रसाद, आम पब्लिक
मैं मानता हूं कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर की कमी है। डॉक्टरों के लिए सुबह 11 से शाम 7 बजे तक ड्यूटी का समय निर्धारित किया गया है। जिन अस्पतालों में डॉक्टर उपलब्ध होते हुए भी अगर वहां मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है तो इसकी जांच की जाएगी.
- डॉ। श्रवण कुमार, सिविल सर्जन, पटना