पटना ब्‍यूरो। अगर आपसे ये कहें कि पटना में ऑर्गन डोनेशन के अभाव में ट्रांसप्लांट की सुविधा बंद है तो सुनकर आश्चर्य होगा। मगर ये हकीकत है। स्टेट ऑर्गन एंड टीसू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (सोटो) के अनुसार अकेले आईजीआईएमएस में किडनी के 40 तो लीवर के 17 पेशेंट ट्रांसप्लांट के लिए क्यू में हैं। ये पेशेंट जिंदगी और मौत के बीच डोनेशन का इंतजार कर रहे हैं। राज्य में ऑर्गन डोनेशन को बढ़ावा देने के लिए 10 वर्ष पहले सोटो का गठन हुआ था। सोटो द्वारा जागरूकता अभियान चलाए जाने के बाद भी ऑर्गन डोनेट करने के लिए लोग आगे नहीं आ रहे हैं। आईजीआईएमएस में अब तक 116 लोगों की किडनी और एक लीवर ट्रांसप्लांट हुआ है। इनमें मात्र दो का ब्रेन डेड और डोनेशन से हुआ है। बांकी किडनी ट्रांसप्लांट नजदीकी रिश्तेदारों के दान से संभव हुआ है।

अत्याधुनिक लिवर ट्रांसप्लांट यूनिट को है लिवर का इंतजार
मुंबई और दिल्ली की तर्ज पर पटना के आईजीआईएमएस में अत्याधुनिक लिवर ट्रांसप्लांट यूनिट की स्थापना की गई थी। लेकिन, अंगदान नहीं होने से लिवर ट्रांसप्लांट यूनिट पूरी तरह से ठप है। चार साल पहले आईजीआईएमएस में दिल्ली के एक पेशेंट का लिवर ट्रांसप्लांट हुआ था। लिवर एक ब्रेन डेड पेशेंट से मिला था। मगर पहला ट्रांसप्लांट असफल होने की डर से लोग ट्रांसप्लांट कराने से कतराते हैं। अभी लिवर ट्रांसप्लांट के लिए आईजीआईएमएस में 17 लोग क्यू में लगे हैं। मगर उन्हें डोनर ही नहीं मिल रहा है इसलिए ट्रांसप्लांट सेवा ठप है।

किडनी के 60 पेशेंट हैं वेटिंग में
पटना सहित पूरे राज्य में किडनी के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। आईजीआईएमएस में किडनी विभाग के ओपीडी में प्रतिदिन 100 से अधिक किडनी सबंधित बीमारी को लेकर पहुंच रहे हैं। जिसमें से एक से दो पेशेंट की किडनी खराब मिलती है। जिन्हें ट्रांसप्लांट की आवश्यकता है। मगर डोनर के अभाव में ट्रांसप्लांट सेवा बंद है। स्टेट ऑर्गन एंड टीसू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनेजाइशन के स्टेट कॉर्डिनेटर डॉ। सतलापल सिंह ने बताया कि आईजीआईएमएस में अब तक 116 पेशेंट का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है। वर्तमान में 17 पेशेंट क्यू में हैं। जो डोनेशन का इंतजार कर रहे हैं।

हार्ट ट्रांसप्लांट दूसरे राज्य के भरोसे
पटना सहित पूरे बिहार के किसी भी अस्पताल में हार्ट ट्रांसप्लांट की व्यवस्था नहीं है। जिस वजह से लोग हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए पटना से बाहर दूसरे राज्य जा रहा है। जबकि पटना में आईजीआईएमएस, एम्स, एनएमसीएच, पीएमसीएच, राज्य कर्मचारी मेडिकल कॉलेज सहित प्राइवेट मेडिकल कॉलेज भी है। मगर इन मेडिकल कॉलेजों में हार्ट ट्रासंप्लांट की सुविधा उपलब्ध नहीं है।

एक हजार से अधिक लोग हैं वेटिंग में
पटना में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक हजार से अधिक लोग कॉर्निया ट्रांसप्लांट के लिए क्यू में हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। स्टेट ऑर्गन एंड टीसू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन के डॉ। सतपाल सिंह ने बताया कि कॉर्निया ट्रांसप्लांट के लिए क्यू नहीं बनाते हैं डोनर मिलने से सीधे ट्रांसप्लांट की जाती है। जबकि आईजीआईएमएस के नेत्र रोग विभाग में जब हमारी टीम पहुंची तो पांच लोग कॉर्निया ट्रांसप्लांट की जानकारी लेने पहुंचे थे। इन लोगों को कॉर्निया का डोनेशन का इंतजार है। र्पूिर्णया से अपने पिता का कॉर्निया ट्रांसप्लांट कराने आए सुरेश ने बताया कि हर दो माह पर आकर पता करता हूं कि ट्रांसप्लांट कैसे होगा। मगर हर बार डोनर लाने के लिए बोल दिया जाता है। ये तो एक उदाहरण है पीएमसीएच सहित राज्य के अन्य अस्पतालों में कॉर्निया ट्रांसप्लांट कराने के लिए एक हजार से अधिक पेशेंट इंतजार में हैं।

आर्गन ट्रांसप्लांट एक नजर में
आईजीआईएमएस ट्रांसप्लांट क्यू
किडनी 116 6
लिवर 1 17
हॉर्ट 0 0

रुबन मेमोरियल
किडनी 22 000

पारस
किडनी 56 000
बिग अपोलो
किडनी 1 000
जय प्रभा अस्पताल
किडनी 1 000


कॉर्निया ट्रांसप्लांट एक नजर में
पीएमसीएच 109
आईजीआईएमएस -820
दृष्टि आई सेंटर -87
चंढीगढ आई केयर सेंटर -51
एएसजी पटना 29
निर्वाना नेत्रालय 7
एनएमसीएच 32

टोटल बॉडी डोनेट
आईजीआईएमएस -13


किडनी का 116 ट्रांसप्लांट और एक लिवर का ट्रांसप्लांट आईजीआईएमएस में हुआ है। हार्ट ट्रांसप्लांट अभी नहीं हुआ है।
-डॉ। जसपाल सिंह, कॉर्डिनेटर, स्टेट ऑर्गन एंड टीसू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनेजाइशन


आईजीआईएमएएस में 250 लोगों को कॉर्निया ट्रांसप्लांट का क्यू है। पूरे बिहार में 12000 लोगों पर 150 डोनर ही मिल रहे हैं, इसलिए ये स्थिति बनी हुई है।
डॉ। विभूति, एचओडी, नेत्र रोग विभाग आईजीआईएमएस, पट