पटना (ब्यूरो)। पटना में वैक्सीनेशन का दूसरा डोज लेने से कई लोग चूक रहे हैं और जो ले चुके हैं उन्हें सर्टिफिकेट खुद से डाउनलोड करने में भी परेशानी हो रही है। ऐसा इसलिए कि जिन्हें सेकेंड डोज लेना है उनके पास अलर्ट का मैसेज नहीं आ रहा है। लेकिन जो अनरजिस्टर्ड नंबर हैं उस पर ये मैसेज आ रहा है। इस वजह से जहां संबंधित व्यक्ति परेशान हो रहा है। वहीं दूसरी ओर, वैक्सीन लेने के बावजूद कुछ लोगों का डिटेल के साथ मोबाइल नंबर फीड नहीं हो रहा है। यह लापरवाही अभी दिखी है और इससे पहले भी इसकी शिकायत की गई है। लेकिन समस्या यह है कि लापरवाह व्यवस्था को सुधारने का प्रयास नहीं किया गया। इस वजह से यह सिलसिला जारी है और एक ही व्यक्ति के मोबाइल नंबर पर सैकड़ों अलर्ट मैसेज आ रहे हैं, जो यूजलेस हो रहे हैं।

गोपनीयता का हनन
सूचना जब व्यक्तिगत हो तो उसमें गोपनीयता जरूरी है। वैक्सीनेशन का मैसेज बिल्कुल ऐसा ही है। लेकिन लापरवाह व्यवस्था और कोविन पोर्टल पर भी बड़े लेवल पर लापरवाही को लेकर वैक्सीनेशन ड्राइव में व्यक्ति की गोपनीयता नहीं हो पा रही है। क्योंकि वैक्सीन लेने वाले व्यक्ति की सूचना अनजान व्यक्ति को मिल रही है, उधर, जिस संबंधित व्यक्ति को दूसरा डोज लेना है, वह इस अति आवश्यक मैसेज नहीं मिल पाने के कारण अपना डोज नहीं ले पा रहे हैं। लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश है और वे इसे कोरोना वैक्सीनेशन में फर्जीवाड़े की बात कह रहे हैं। क्योंकि राज्य में ऐसे कई लोगों को दूसरी डोज लगवाने के बाद वैक्सीनेशन के मैसेज नहीं आ रहे हैं।

सर्टिफिकेट डाउनलोड ही नहीं
एक बड़ी समस्या यह भी रिपोर्ट की जा रही है कि जब वैक्सीन लेने वाला व्यक्ति एक या दो वैक्सीन ले चुका होता है तो उसे ऑनलाइन कोविन पोर्टल से डाउनलोड करने का भी प्रावधान है। लेकिन तब यह प्रावधान काम नहीं करता है जब पोर्टल पर नंबर ही गलत लगा हो। यह कहें कि वैक्सीन लेने वाले व्यक्ति का नंबर ही फीड न हो। ऐसे में लोगों को सेंटर पर जाकर अपना नंबर पोर्टल पर चेक कर सुधार कराना पड़ता है।

बताया, परेशान हो गया हूं
फोन नंबरों के अदला-बदली से लोगों को ऑनलाइन सर्टिफिकेट लेने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राज्य के एक स्टाफ सीबी पांडेय को कई महिलाओं के नाम से दूसरा टीका लेने के लिए मैसेज एक ही नंबर पर आ रहे हैं जिससे उनकी परेशानी बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि मेरा मोबाइल नंबर कहीं रजिस्टर्ड नहीं है फिर भी प्रतिदिन तीन से चार ऐसे मैसेज आ रहे हैं जिन्हें कोविन के द्वारा भेजा जा रहा है। प्रतिदिन आने वाले मैसेज से वे तो परेशान हैं ही साथ में वैसे लोग भी परेशान हैं क्योंकि उनके पास वैक्सीनेशन का मैसेज नहीं आ रहा है।

सवालों के घेरे में मामले
वैक्सीनेशन की डिटेल जिनकी कोविड पोर्टल पर नहीं है वे अपने ऑनलाइन सर्टिफिकेट के लिए परेशान हैं। वे वैक्सीनेशन सेंटरों के चक्कर काट रहे हैं। जब वे सेंटरों पर जाते हैं तो उन्हें कह दिया जाता है कि आपका टीकाकरण का समय अब ख़त्म हो गया है या टीका आपका लग चुका है। इस संबंध में नोडल अफसर रमेश चन्द्र ने कहा कि कुछ गड़बडिय़ां हुई थी जिसे सुधारने की कोशिश की जा रही है। अब गड़बड़ी किस लेवल से हुई है इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है। ज्ञात हो कि जान की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले ये कौन लोग हैं अभी तक उनकी पहचान नहीं हुई है और न तो किसी को सजा मिली है ऐसे में राज्य में चल रहे कोविड वैक्सीनेशन कई सवालों के घेरे में हैं। इस संबंध में पटना के सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी ने बताया कि इसमें पहले भी ऐसे मामले देखे गए हैं। समस्या ऑपरेटर के द्वारा मोबाइल नंबर फीड करने में हो रही है। लिखने में या नंबर देखकर कॉपी करने में लापरवाही हो सकती है। इसके लिए ऑपरेटर को अवेयर किया जा रहा है। हालांकि ऐसे मामलों की संख्या बहुत कम है।