पटना ब्‍यूरो इलेक्ट्रिक बसों के संचालन और भविष्य में विस्तार की योजनाओं के साथ स्वच्छ परिवहन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह प्रशासन ने अक्षय ऊर्जा स्रोतों और विद्युतीकरण को अपनाकर कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने और हरित भविष्य की ओर अग्रसर होने की दिशा में एक शानदार मिसाल पेश की है।
2022 में प्रशासन की ओर से इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति प्रकाशित की, जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना और पर्यटन के लिए स्वच्छ परिवहन को प्रोत्साहित करना था। ये जानकारी आईसीसीटी के शोधकर्ता सुनीता अनूप और भौमिक गोवांडे ने दी उन्होंने बताया कि इस नीति पर अगर अगर बिहार के सभी जिलों में भी कार्य किया जाए तो पॉल्यूशन की समस्या का हल हो सकता है। इस दौरान 40 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन और भविष्य की योजना के बारे में भी बताया गया। अंडमान और निकोबार प्रशासन का इलेक्ट्रिक बस संचालन मॉडल शेष भारत के लिए एक ब्लूप्रिंट के रूप में काम कर सकता है। इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की तैनाती के लिए सीमित ग्रिड क्षमता और छोटी यात्रा दूरी जैसी चुनौतियां मौजूद हैं, प्रशासन की इलेक्ट्रिक बस बेड़ों का विस्तार करने और नवीकरणीय ऊर्जा को प्राथमिकता देने की योजनाएं आशाजनक हैं। इलेक्ट्रिक बसों के लिए एक राष्ट्रीय लक्ष्य निचले स्तर की सरकारों को अपने समयरेखा को समन्वित करने और नीतियों को डिजाइन करने में सहायता कर सकता है, जिससे एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बाजार का निर्माण हो सकता है। यह मॉडल न केवल इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती के लिए बल्कि स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग के लिए भी शेष भारत के लिए एक ब्लूप्रिंट के रूप में उपयोग किया जा सकता है