पटना(ब्यूरो)। शहर में बिजली की मेनटेनेंस की स्थिति अभी भी स्मार्टनेस से कोसों दूर है क्योंकि जब मेनटेनेंस की शिकायत होती है तो अलग -अलग गैंग को मौके पर जाना होता है। लेकिन बाद वाले गैंग को साइकिल से कंधे पर सीढ़ी और बिजली का सामान लेकर चलना पड़ता है। यह जोखिम भरा होता है । इन्हें खुद को और दूसरे को सीढ़ी और सामान के भार को साथ लेकर बड़ी सजगता से चलना होता है। शहर में भले ही बिजली सरप्लस हो लेकिन इसके मेनटेनेंस को लेकर हमेशा ही सवाल उठता रहा है। जिसे कर्मचारी से लेकर कंज्यूमर भी उठाते रहे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इस मामले की पड़ताल की।

दो से तीन गैंग एक सेंटर पर
पटना में 54 स्थानों पर फ्यूज कॉल सेंटर हैं, जहां से शिकायत दर्ज होने के बाद मानव बल (मेनटेनेंस करने वाले) रवाना किया जाता है। हर फ्यूज कॉल सेंटर में दो से तीन गैंग बनाए जाते हैं। ये गैंग बिजली से जुड़ी संबंधित शिकायत को अटेंड करने के लिए पहुंचते हैं। वर्तमान स्थिति में अभी हर सेंटर पर एक और कहीं -कहीं दो वाहन हैं। लेकिन बाद में यदि कोई बिजली कंम्प्लेन हो तो वहां तक पहुंचने के लिए व्हेकिल का अभाव होता है। गैंग को वहां तक साइकिल पर कभी तो पैदल ही जाना पड़ता है। बिजली बोर्ड की स्थापना के सालों बाद भी मेनटेनेंस का यही मौजूदा तरीका है। जानकारी हो कि ऐसे कर्मचारी कांट्रैक्ट वर्कर होते हैं, जिन्हें मेनटेनेंस वर्क के लिए पहुंचने तक का साधन नहीं मिल पाता है।

फ्यूज कॉल के मुताबिक संख्या
इस मामले पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पेसू जीएम मुर्तजा हेलाल से बातचीत की। उन्होंने बताया कि गैंग एक फ्यूज कॉल सेंटर पर दो या तीन होता है। लेकिन गाड़ी की सुविधा गैंग की संख्या के मुताबिक नहीं बल्कि फ्यूज कॉल के मुताबिक होती है। इसमें कोई परिवर्तन नहीं है। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि यदि पहले से एक गैंग गाड़ी से निकला है तो बाद वाले गैंग को गाड़ी नहीं मिलती है।

अधिकतम दो घंटे में समाधान
फ्यूज कॉल सेंटर 24 घंटे कार्यरत रहता है और इसमें कॉल अटेंट कम से कम समय में पूरा हो जाए। बिजली की संबंधित समस्या का निदान हो जाए, इसके लिए प्रयास किया जाता है। पेसू जीएम मुर्तजा हेलाल ने कहा कि गर्मी में शिकायतों की संख्या बढ़ जाती है, इसे देखते हुए रात 12 बजे तक जेई कार्यरत रहते हैं और शिकायतों का तत्परता से समाधान किया जाता है। बिजली से संबंधित शिकायतों का कम से कम 20 मिनट से लेकर दो घंटे तक में समाधान किया जाता है। इस बाबत टीम तत्परता से कार्य करती है।

48 वाहन मिले
गर्मी में फ्यूज कॉल की संख्या बढ़ जाती है और मेनटेनेंस वर्क पर लोड बढ़ जाता है। इसे ध्यान में रखकर ही अब पेसू ने वाहनों की संख्या बढ़ा दी है। खास तौर पर पीक आवर में लोड की स्थिति न बने, यह प्रयास किया जाता है। पेसू ने पीक आवर के लिए 54 फ्यूजकाल सेंटरों में से 48 में वाहन उपलब्ध करा दिया है। बाकी छह सेंटर छोटे फ्यूजकाल सेंटर बगल के सेक्शन पर निर्भर है। रात में बिजली कटने पर ज्यादा देर तक सप्लाई चालू के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

तीन शिफ्ट में कार्य करता है
प्रत्येक फ्यूजकाल सेंटर 24 घंटे कार्य करते हैं। तीन पाली में फ्यूजकाल गैंग कार्य करता है। पीक आवर में दो-दो गैंग की व्यवस्था की गई है। मारुफगंज दो सेक्शन में एक वाहन है तो वहीं पादरी की हवेली सेक्शन में एक भी गाड़ी नहीं है। सैदपुर, मीनाबाजार, गायघाट और पत्थर की मस्जिद बगल से सेक्शन पर वाहन के लिए निर्भर है.प्रत्येक पाली में एक इलेक्ट्रिशियन और दो हेल्परों की टीम वाहन के साथ उपलब्ध कराई गई है.फ्यूजकाल सेंटरों की निगरानी की जा रही है। गर्मी बढऩे पर फ्यूजकाल से संबंधित शिकायतें बढ़ेंगी। पेसू ने बताया कि फ्यूजकाल नंबर याद नहीं है तो कंज्यूमर 1912 पर भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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