पटना (ब्यूरो)।यहां पर हर एक शख्स जिसे कभी न कभी पुलिस से किसी भी मामले में पाला पड़ा हो वह इस बात की गवाही दे सकता है कि पुलिस ने सामान्य तौर पर उनके साथ कैसा व्यवहार किया। पटना के राजीव नगर थाना में कथित तौर पर साइकिल चोरी के आरोप में पकड़ कर लाए गए शख्स की छत से कूदने से हुई मौत मामले में एक बार फिर से पुलिस सवालों में घिर गई है।

पुलिस कस्टडी या जेल में मौत की यह पांचवी घटना

साइकिल चोरी के आरोप में 23 वर्षीय शानू प्रताप को पकड़ कर लाया गया था। उसे स्थानीय लोगों ने राजीव नगर के रामनगरी से पकड़ा था। फिर मार पीटाई के बाद उसे राजीव नगर थाना को सौंपा गया था। पुलिस के अनुसार उस समय वह नशे के हालात में था। मार पीटाई की वजह से उसे चोट आई थी। इस वजह से उसकी एलएनजेपी अस्पताल में इलाज भी कराया गया था। फिर उसे वापस लाकर थाना के सिरिस्ता में रखा गया था। फिर उसने वहां से भागने की कोशिश की थी। तीसरे तत्ले से कूदकर भागने की कोशिश में नीचे गिरने और चोट लगने की वजह से उसकी मौत हो गई। हालांकि उसके मां और भाई ने पत्रकारों के सामने यह दावा किया है कि उसकी लोगों ने नहीं बल्कि पुलिस ने पीटाई की थी। जिसकी वजह से वह तनाव में था। इसके अलावे वह जब थाना गई थी तब उसे उनके बेटा से मिलने भी नहीं दिया गया था। थाना या पुलिस कस्टडी में मौत की बात करें तो यह अब तक इस साल की पांचवी घटना है। इससे पहले इसी वर्ष रामकृष्णनगर थाना में भी एक हत्या आरोपित की मौत हो गई थी। इसके अलावे अगमकुआं थाना में भी एक मोबाइल चोर की पुलिस कस्टडी में ही मौत हो गई थी।

थाना में खुले में क्यों रखा गया

रानीतलाब के राजीपुरा के रहने वाले शानू प्रताप को जब एलएनजेपी अस्पताल से इलाज करा कर लाया गया था। तब उसे खुले में क्यों रखा गया था। क्या उसे किसी ने छत की भागते नहीं देखा। पुलिस सूत्रों के अनुसार जब शानू अपने जगह से गायब हो गया तब किसी ने इसकी सूचना राजीव नगर थानाध्यक्ष को दी थी। इसके बाद जब शानू की खोजबीन की गई। तब उसे थाना भवन के पिछले हिस्से में गिरा हुआ पाया गया। संभवत उसकी मौत तब तक हो गई थी। फिर डॉक्टरों ने भी इसकी पुष्टि कर दी।

कुछ प्रमुख केस

केस नंबर 1

तीन माह पहले रामकृष्णनगर पुलिस ने सोरंगपुर के नीरज कुमार को आशुतोष कुमार नाम के शख्स की हत्या के मामले में अरेस्ट किया था। अचानक एक दिन बाद खबर आती है कि नीरज की बीमारी की वजह से मौत हो गई है। इस मामले में नीरज के परिजनों ने पुलिस पर मारपीट और टॉर्चर करने का आरोप लगाया था।

केस नंबर 2

एक साल पहले रंजीत साहनी नामक के शख्स को अगमकुआं थाना की पुलिस ने मोबाइल चोरी के आरोप में पकड़ी थी। लेकिन कुछ देर बाद ही उसकी तबीयत खराब होने लगी। इसके बाद पुलिस की ओर से बताया गया कि तबीयत खराब होने के बाद उसे एनएमसीएच में भर्ती कराया गया था। जहां उसकी मौत हो गई है।

केस नंबर 3

राजीव नगर थाना में शानू प्रताप नाम के शख्स जिसे साइकिल चोरी के आरोप लगाया था। उसने छत से कूद कर कथित तौर पर जान दे दी। इस मामले में अभी जांच रिपोर्ट आनी बाकी है। दोषी पुलिस कर्मी पर कार्रवाई की बात भी कही जा रही है। लेकिन अभी तक की जांच के बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

बेउर जेल में न्यायिक हिरासत में कैदी की मौत

मोकामा के पूर्व विधायक और बाहुबली अनंत सिंह के साथ जेल प्रशासन के टकराव के बाद बेउर जेल में भगदड़ की स्थिति थी। इसी क्रम में वहां एक कैदी की मौत हो गई थी। जेल प्रशासन की ओर से बताया कि उसकी तबीयत पहले से खराब थी और उस दिन अचानक तबीयत खराब होने की वजह से ही उसकी मौत हुई थी।

केस नंबर 4

दानापुर जेल में कैदी ने किया था सुसाइड

दानापुर जेल में भी कैदी के द्वारा कथित तौर पर सुसाइड कर लेने का मामला सामने आया है। बिट्टू नाम के कैदी ने अपने वार्ड में कथित तौर पर पंखे से लटक कर जान दे दी थी। इस मामले में सवाल परिजनों की से उठाया गया था। एक वार्ड में बहुत सारे कैदी रहते हैं तब फिर उसे किसी ने सुसाइड करते देखा क्यों नहीं और देखा तब रोका क्यों नहीं।

हर मामले के बाद लिपापोती

हर मामले के बाद लीपापोती होती है। संबंधित मामले में क्या जांच हुई। उस रिपोर्ट का क्या हुआ। इसे कभी सार्वजनिक नहीं किया गया जाता है। मिला जुलाकर इस मामले में देर सवेर जो भी आरोपी पुलिस कर्मी होते हैं उन्हें क्लिन चीट दे दिया जाता है। एडवोकेट पंकज कुमार ने बताया कि पुलिस पर आरोपों की जांच पुलिस के द्वारा ही किया जाता है। तो ऐसे मेें जाहिर सी बात है कि वे पुलिस को बचाने के लिए वह सब कुछ करते हैं जो वे कर सकते हैं। लेकिन इससे न्याय का दम कमजोर पड़ जाता है और ज्यूडिसियल किलिंग और टॉर्चर करने वाले पुलिसकर्मीयों का हौसला बढ़ता है।

थाना में मौत मामले में वर्जन

राजीव नगर थाना में जो साइकिल चोरी के आरोप में लाए गए शख्स ने छत से भागने की कोशिश की थी। तीन महले से कूदने की वजह से उसकी मौत हुई है। इस मामले में मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों की लापरवाही साफ तौर पर दिखती है। जो भी दोषी पुलिसकर्मी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
कृष्ण मुरारी प्रसाद
एएसपी लाईन ऑर्डर सचिवालय
पटना