पटना (ब्यूरो)।आर्थिक तंगी में सुसाइड का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नवादा में एक ही परिवार के 6 सदस्यों की आत्महत्या के बाद अब गोरखपुर के शाहपुर घोषीपुरवा के नया मोहल्ला में मंगलवार सुबह दो नाबालिग बेटियों के साथ ही कुंडी से पिता का लटकता हुआ शव मिलने से सनसनी मच गई। बेटियों के शव पंखे पर दुपट्टे से लटक रहे थे, जबकि पिता का दूसरे कमरे में पंखे पर शव लटकता मिला। इस पूरी घटना के बाद देर शाम तीन शवों का पोस्टमार्टम हुआ, जिसमें सुसाइड की पुष्टि हुई है। बताया जा रहा है कि परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा था। इस कारण जीवन लीला समाप्त कर ली होगी। परिवार बिहार के सीवान का रहने वाला था। 30 साल पहले गोरखपुर शिफ्ट हो गया था।

मां की दो साल पहले हो चुकी है मौत
जानकारी के अनुसार शाहपुर एरिया के गीता वाटिका स्थित घोसीपुरवा में जितेंद्र श्रीवास्तव (45) अपनी दो बेटियों मान्या श्रीवास्तव उर्फ रिया (16) और मानवी श्रीवास्तव उर्फ जिया (14) के साथ रहते थे। उनके साथ पिता ओम प्रकाश (65) भी रहते थे। वह प्राइवेट गार्ड हैं। बगल में जितेंद्र के भाई का घर है। जितेंद्र की पत्नी की दो साल पहले कैंसर से मौत हो चुकी है। जितेंद्र टेलरिंग का काम करते थे।

शव देख चीखकर बाहर भागे पिता
मंगलवार सुबह पिता ओम प्रकाश नाइट ड्यूटी करके घर पहुंचे। ओम प्रकाश जब ड्यूटी पर रात में जाते थे तो बाहर से ताला लगाकर जाते थे, ताकि सुबह आने पर वो खुद बाहर से गेट खोलकर आ जाएं। लेकिन, मंगलवार सुबह जब लौटे तो गेट पहले से खुला था। वह अंदर पहुंचे तो चीख पड़े। एक कमरे में उनकी दोनों पोतियों मान्या और मानवी के शव लटके थे। दूसरे कमरे में बेटे जितेंद्र का शव लटका था। ओम प्रकाश चिल्लाते हुए बाहर भागे। उन्होंने बेटे और पोतियों की हत्या करके शव को लटकाए जाने की आशंका जताई।

देख कर कांप गई रूह
बगल में ही दूसरे बेटे नीतीश का घर है। वह और पड़ोसी भागते हुए पहुंचे। अंदर का सीन देखकर रूह कांप गई। तुरंत पुलिस को सूचना दी। एक घर से तीन शवों के लटके होने की सूचना पर हड़कंप मच गया। कुछ ही देर में पुलिस के सीनियर अफसर मौके पर पहुंच गए। फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया।

घर पर बना था लिट्टी-मीट
मृतक के छोटे भाई नीतीश ने बताया कि मान्या और मानवी घर के पास आवास विकास कॉलोनी स्थित सेन्ट्रल एकेडमी स्कूल में क्लास 9 और 7 में पढ़ती थीं। दोनों होनहार थीं। स्कूल प्रशासन ने बताया कि एक दिन पहले सोमवार को बाल दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम में दोनों ने भाग लिया था। ऐसे में सामूहिक सुसाइड की बात किसी के गले नहीं उतर रही है। वजह यह है कि अगर इतनी ज्यादा मुसीबतें थीं तो बेटियां कल्चरल प्रोग्राम में कैसे शामिल होतीं? प्रोग्राम से लौटने के बाद दोनों बेटियों ने लिट्टी और मीट बनाई थी। दादा ओम प्रकाश खाना खाकर काम पर चले गए थे।

एसएसपी बोले, घटनास्थल से कुछ चीजें मिली हैं
स्थानीय लोगों के मुताबिक, जितेंद्र परिवार के लोगों से कम बातचीत करता था। एसएसपी डॉ। गौरव ग्रोवर ने बताया कि घटना वाली जगह से कुछ चीजें मिली हैं, जिसकी शुरुआती जांच से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि घटना सुसाइड की है। कुछ कर्ज और परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात भी सामने आ रही है। पुलिस हर एंगल पर जांच कर रही है।