PATNA : आखिरकार मंडे को एसआईटी ने इंटरमीडिएट टॉपर्स घोटाला की चार्जशीट दाखिल कर दिया। एसआईटी ने घोटाले में शामिल फ्ख् आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया है। एसआईटी शाम करीब साढ़े पांच बजे स्पेशल विजिलेंस कोर्ट पहुंची। जहां एक बक्से में बंद केस की चार्जशीट को दाखिल किया गया। कोतवाली थाने से बक्से में बंद चार्जशीट को लेकर केस के इंचार्ज व फुलवारी शरीफ के एएसपी राकेश कुमार और डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर डा। मो। शिब्ली नोमानी सहित करीब एक दर्जन से अधिक पुलिस ऑफिसर गाड़ी से निगरानी के स्पेशल कोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट में चार्जशीट के जमा होते ही उसके एक-एक सेट की गिनती शुरू कर दी गई। देर शाम तक कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच चार्जशीट के अलग-अलग सेटों की गिनती होती रही।

- ब्क्ख्ब् पेज का है चार्जशीट

किसी भी केस में आरोपियों की गिरफ्तारी के 90 दिनों के अंदर पुलिस को चार्जशीट तैयार कर कोर्ट में दाखिल करना होता है। जिसे एसएसपी मनु महाराज की अगुआई वाली एसआईटी ने बखूबी पूरा किया। इंटरमीडिएट टॉपर्स घोटाला एक बड़ा मामला है। जिसमें फ्ख् आरोपियों के खिलाफ एक साथ चार्जशीट दाखिल की गई है। इनके खिलाफ ठोस सबूत जुटाना और उन पर लगे आरोपों को साबित करने के साथ ही समय पर चार्जशीट को तैयार करना एसआईटी के लिए एक बड़ा चैलेंज था। ब्क्ख्ब् पेज का चार्जशीट समय पर तैयार कर और उसे 90 दिन पूरा होने के ठिक पहले कोर्ट में जमा कर एसआईटी ने इस बड़े चैलेंज को बखूबी पूरा किया है।

- फ्ख् में ख्0 हैं सरकारी नौकरी वाले

बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड के एक्स चेयरमैन लालकेश्वर प्रसाद, पूर्व सेक्रेटरी श्रीनिवास चंद तिवारी, हरिहर नाथ झा, विकास चन्द्रा सहित ख्0 आरोपी लोक सेवा यानी सरकारी नौकरी में हैं। जबकि ब् फर्जी टॉपर शामिल हैं। बाकि 8 आरोपियों में मास्टर माइंड बच्चा राय समेत अन्य आरोपी हैं। फ्ख् में से ख्7 आरोपी अभी जेल की हवा खा रहे हैं। सरकारी नौकरी वालों के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए संबंधित डिपार्टमेंट ने एसआईटी को अपनी मंजूरी पहले ही दे दी थी।

- भ्क् लोग देंगे गवाही

इंटरमीडिएट टॉपर्स घोटाला सामने आने के बाद बिहार की एजुकेशन व्यवस्था की पूरे देश में बदनामी हुई। खुाद की मेरिट पर नंबर टॉप करने वाले स्टूडेंट्स को भी शक की नजर से दूसरे स्टेट में देखा जाने लगा है। एसआईटी ने काली कमाई करने वाले घोटाले बाजों को कड़ी सजा दिलाने के लिए अपनी कमर कस ली है। पहले तो ठोस सबूत जुटाए। इसके साथ आरोपियों के खिलाफ गवाह भी खोज निकाले। चार्जशीट दाखिल होने के बाद निगरानी की स्पेशल कोर्ट में मामले का ट्रायल शुरू होगा। कोर्ट में घोटाले बाजों के खिलाफ टोटल भ्क् लोग गवाही देंगे। इसमें बोर्ड के स्टाफ और सरकारी गवाह भी शामिल हैं। गवाही देने वालों में एसआईटी के भी कुछ अधिकारियों के नाम शामिल हैं।

- म् जून की रात हुआ था एफआईआर

इंटरमीडिएट टॉपर्स घोटाला के खुलासे ने सब को हिलाकर रख दिया था। सीएम नीतीश कुमार भी सकते में आ गए थे। सीएम ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया था। म् जून ख्0क्म् की आधी रात माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के डायरेक्टर राजीव प्रसाद सिंह रंजन के बयान पर राजधानी के कोतवाली थाने में कांड सख्या ख्70/क्म् दर्ज किया गया था। जिसमें विशुनदेव राय कॉलेज के संचालक बच्चा राय, जीए इंटर कॉलेज हाजीपुर की सेंटर सुप्रिटेंडेंट शैल कुमारी, बालक हाई स्कूल राजेन्द्र नगर के प्रिंसिपल विशेश्वर यादव और ब् फर्जी टॉपर्स के नाम शामिल थे।

- 7 जून को बनाई गई थी एसआईटी

आधी रात को एफआईआर दर्ज होने के बाद 7 जून को डीजीपी पीके ठाकुर ने पटना के एसएसपी मनु महाराज को हेड क्वार्टर बुलाया। लंबे मंथन के बाद डीजीपी ने इंटरमीडिएट टॉपर्स घोटाले की पूरी जांच और इसमें शामिल घोटाले बाजों को पकड़ने के लिए एक स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम यानी एसआईटी का गठन किया। एसएसपी मनु महाराज को एसआईटी का इंचार्ज बनाया गया। टीम में सिटी एसपी चंदन कुशवाहा, एएसपी ऑपरेशन अनुपम कुमार, एएसपी राकेश कुमार, डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर डा। मो। शिब्ली नोमानी सहित पटना पुलिस, इकोनॉमिक ऑफेंस युनिट और सीआईडी के तेज तर्रार पुलिस इंस्पेक्टर को शामिल किया गया।

- 8 जून को हुई थी एक साथ भ् गिरफ्तारी

एसआईटी का गठन होते ही एसएसपी मनु महाराज ने ब् अलग-अलग टीमें बनाई। पटना, वैशाली और मुजफ्फरपुर सहित कई जगहों पर ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर दी गई। अलग-अलग जगहों से 7 लोगों को पूछताछ के लिए एसआईटी ने कब्जे में लिया। लेकिन 7 में से भ् लोग घोटाले में शामिल पाए गए। जिन्हें एसआईटी ने गिरफ्तार किया। जिसमें विशेश्वर यादव, संजीव कुमार सुमन, शंभू नाथ दास, रंजीत कुमार मिश्रा और शैल कुमारी शामिल हैं।

- क्क् को बच्चा तो ख्0 को पत्‍‌नी के साथ पकड़े गए थे लाल

जैसे-जैसे एसआईटी की जांच का दायरा बढ़ता गया, वैसे-वैसे उन्हें सबूत मिलते गए। फिर उसी आधार पर घोटाले में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी होने लगी। इस मामले के मास्टर माइंड व फरार चल रहे बच्चा राय को एसआईटी ने वैशाली के किरथपुर से क्क् जून को गिरफ्तार किया। इसके बाद प्रमुख आरोपियों में शामिल व पत्‍‌नी उषा सिन्हा के साथ फरार चल रहे बोर्ड के पूर्व चेयरमैन लालकेश्वर प्रसाद को एसआईटी ने ख्0 जून को बनारस से गिरफ्तार किया था। इन दोनों के साथ एसआईटी ने इन्हें शरण देने वाले प्रभात जायसवाल को भी गिरफ्तार किया था।