-ग्राउंड फ्लोर के बंद कमरे से उठी थी लपटें, डॉक्यूमेंट कूडे़ की तरह रखना बड़ी लापरवाही

PATNA: गुरुवार दोपहर पटना यूनिवर्सिटी के एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग में आग लग गई। आग इस बिल्डिंग के एग्जाम कंट्रोलर डिपार्टमेंट की ओर से आ रही थी। घटना के वक्त वहां पर चतुर्थ वर्ग के कुछ कर्मचारी थे। आग लगते देख इनके बीच हड़कंप मच गया। एग्जाम कंट्रोलर डिपार्टमेंट में आग की तेज लपटें बाहर निकल रही थी। लोग बाहर की ओर भागने लगे और शोर मचाने लगे। आग ग्राउंड फ्लोर पर ही लगी थी। घटना की जानकारी मिलने पर वहां यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार कर्नल मनोज मिश्रा वहां पहुंचकर हालात का जायजा लिया। हालांकि आग लगने के कारणों की सही तरीके से विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुष्टि नहीं की है। लेकिन माना जा रहा है कि आग की वजह शार्ट सर्किट हो सकता है।

मीडिया को गोलमोल जवाब

घटना के कारणों को लेकर मीडिया के सवाल पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने गोल -मोल जवाब दिया है। प्रशासन का कहना है कि यह ग्राउंड फ्लोर पर पड़ा रद्दी था जो जल गया है। लेकिन इसका औपचारिक बयान नहीं आया है।

स्टूडेंट्स ने की जांच की मांग

इस घटना की सूचना मिलते ही पटना यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के अध्यक्ष मनीष कुमार पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह घटना आम घटना नहीं है। यह एग्जामिनेशन कंट्रोलर के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण दस्तावेज के जलने का है। हो सकता है कि यह स्क्रूुटनी की कॉपियों की हो। जो भी यह तो जांच में ही पता चलेगा। इसलिए इस घटना की पुलिस गंभीरता से जांच करे। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि जांच में क्या -क्या जला और कितना नुकसान हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना के पीछे बड़ी लापरवाही है। एग्जाम कंट्रोलर का ऑफिस संवेदनशील है। यहां डॉक्यूमेंट को कूडे़ की तरह रखना भी लापरवाही दर्शाता है।

कई दिनों से बंद था कमरा

जिस कमरे से आग की लपटें उठी, उसके बारे में यूनिवर्सिटी अधिकारियों का कहना है कि यह कमरा कई दिनों से बंद था। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आग लगने की शुरूआत यहंा से ही हुई। सीढ़ी घर का वो कमरा पिछले कई दिनों से बंद पड़ा हुआ था। उस बंद कमरे में पुराने और रद्दी के कागजात रखे थे। हालांकि मौके पर घटना की सूचना मिलने के बाद तुरंत पूरे बिल्डिंग की बिजली काट दी गई।

हो सकता था बड़ा हादसा

यह घटना और भयावह रूप धारण कर सकता था यदि समय रहते पुलिस और फायर ब्रिगेड की यूनिट नहीं आती। संभवत: यही वजह रही कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। जानकारी हो कि कोरोना की दूसरी लहर की वजह से यूनिवíसटी के ऑफिस में सिर्फ 25 प्रतिशत स्टाफ को ही ड्यूटी पर बुलाया गया था। अधिकारी से लेकर सारे स्टाफ की ड्यूटी को आल्टरनेट डे के हिसाब से लगाया गया है। उसी अनुसार उन्हें ऑफिस आने को कहा गया है। साथ ही सरकार के आदेश से सभी कॉलेज बंद हैं। यही वजह है कि जिस वक्त आग लगी, उस दरम्यान कैंपस में भीड़-भाड़ नहीं थी।