- एनटीपीसी अब बिहार में यूथ को बनाएगा स्किल्ड

- एनटीपीसी, एनएसडीडी और एनएसडीएफ के बीच हुआ समझौता

- बिहार के यूथ को ट्रेनिंग व जॉब के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं

PATNA: बिहार के यूथ को स्किल्ड बनाने के उद्ेश्य से देश की पहली नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्किल एजुकेशन खोली जाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार के यूथ में कई क्षमता हैं, पर स्किल के अभाव में बाहर जाकर काम करना पड़ता है या कुछ कमियों या ट्रेनिंग के अभाव में उन्हें जॉब नहीं मिल पाती है। इसकी घोषणा स्किल डेवलपमेंट एंड एंटेप्रेन्योरशिप मिनिस्टर व बिहार से सांसद राजीव प्रताप रूडी ने की। वे होटल मौर्या में एनटीपीसी, एनएसडीडी और एनएसडीएफ के बीच त्रिपक्षीय समझौते के मौके पर बोल रहे थे। इस समझौते के तहत एनटीपीसी बिहार में पांच साल में पच्चीस हजार यूथ को विभिन्न प्रकार की स्किल की ट्रेनिंग दी जाएगी।

क्भ् जुलाई स्किल डेवलपमेंट डे

केन्द्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि यूनाइटेड नेशंस में योग के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट डे के लिए भी दिन सेलिबे्रट करने को अप्रूव कर दिया गया है। अब हर क्भ् जुलाई को स्किल डेवलपमेंट डे के रूप में सेलिब्रेट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत की कुल वर्किंग फोर्स में मात्र तीन प्रतिशत आबादी ही स्किल्ड है। अगर भारत को विकसित देश बनना है, तो यह एक बड़ी बाधा है। उन्होने कहा कि आजादी के म्8 साल बाद भी इस दिशा में कुछ नहीं होना एक विडंबना है। इस दिशा में तेज गति से काम किया जाएगा।

पच्चीस हजार यूथ होंगे स्किल्ड

त्रिपक्षीय समझौते के बाद बताया गया कि एनटीपीसी पांच साल में ख्भ्000 यूथ को स्किल्ड बनाएगा। इसके लिए ख्0 हजार रुपए प्रति व्यक्ति खर्च किया जाएगा। इसके लिए वह कारपोरेट सोशल रेस्पांशबिलिटी के मद में पैसे खर्च करेगा। इस मौके पर एनटीपीसी के अध्यक्ष अरूप राय चौधरी, एनएसडीसी के सीईओ दिलीप चिनॉय व अन्य उपस्थित थे। जानकारी हो कि एनटीपीसी ने बिहार में तीन आईआईटी को गोद लिया है। इसके साथ ही नवीनगर और बाढ़ में दो आईआईटी एनटीपीसी खोलेगा। मिनिस्टर पीयूष गोयल ने इसकी पुष्टि की।

एजुकेशन और रोजगार का अंतर होगा खत्म

केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने अपने एड्रेस में कहा कि यहां फार्मल एजुकेशन और रोजगार के बीच बहुत अधिक अंतर है। अगर इस अंतर को समाप्त कर दिया जाए तो जॉब की अनेकों संभावनाओं का लाभ स्किल्ड यूथ को मिलेगा। इससे पहले रूडी ने कहा कि चीन का जीडीपी सात मिलियन है और यहां ब्म् परसेंट वर्कफोर्स स्किल्ड हैं, जबकि इंडिया में यह मात्र तीन परसेंट है। उन्होंने जोर दिया कि जहां भी स्किल डेवलपमेंट बेहतर है वहां की जीडीपी भी अधिक है।