पटना (ब्यूरो)। कोरोना की वजह से बिहार गुरुवार से ही नाइट कफर््यू की पाबंदियां लगा दी गई। मंदिर मस्जिद सहित सभी प्रकार धार्मिक आयोजन बंद कर दिए गए है। इसका मार फूलों की बाजारों पर पड़ रही है गुरु गोविंद सिंह जयंती को लेकर शहर में मालियों ने लाखों रुपए खर्च फूलों की खेफ का एडवांस्ड बुकिंग कर लिए थे। मगर धार्मिक आयोजन पर पाबंदी होने के चलते फूल खरीदना तो दूर की बात है लोग घर से ही नहीं निकल रहे हैं ऐसे में व्यापारियों को बोहनी तक नहीं हो पा रहा है।

एडवांस्ड वापसी से मना

मंदिर, मस्जिद व गुरूद्वारों की शहर के लिए मशहूर पटना में फूलों का कारोबार हमेशा से ही बढिय़ा रहा है। फूलों की व्यापार करने वाले व्यापारियों ने बताया कि पटना में मंदिरों की संख्या ज्यादा होने की वजह से स्थानीय और आने वाले श्रद्धालुओं में हमेशा से फूल माला की मांग रहती है। गुरूगोविंद सिंह के प्रकाश पर्व पर तो बंगाल से फूल मंगाना पड़ता है। इसके लिए हम लोखों रुपए इंवेस्ट कर चुके हैं। मगर कोरोना के कारण सब नाश हो गया। फूल का व्यापार करने वाले व्यापारी ने बताया कि लोकल एडवांस्ड जो किए हैं वो मैनेज भी हो जाएगा।

50 लाख के अधिक का नुकसान

आर Žलाक स्थित फूल मंडी में थोक के भाव में फूल बेचने वाले व्यापारी विजय ने बताया कि प्रकश पर्व को लेकर हम लोग पश्चिम बंगाल के कई जिलों में जहां फूलों की खेती होती है। पूरा खेत ही खरीद लिए थे। कोरोना कम होने के चलते इस बार बेहतर कारोबार होने की उम्मीद भी थी मगर कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के आने के बाद सरकार ने नाइट कफर््यू के साथ धार्मिक स्थलों को पूरी तरह से बंद कर दिया। तो फूल कौन खरीदेगा। व्यापारियों ने बताया कि प्रकाश पर्व को लेकर दूसरे प्रदेशों में 50 लाख से अधिक एडवांस्ड दे चुके थे। अब ये पैसा डूबने के कगार पर हैं।

80% तक घट गया व्यापार

फूल बेचने वाले व्यापारी अनिल कुमार ने बताया कि सामान्य तौर पर आठ से दस हजार प्रति दिन के हिसाब फूलों का सेल एक काउंटर पर होता था। मगर कोरोना की पाबंदी की वजह से दो हजार रुपए का भी सेल नहीं हो रहा है। व्यापारियों ने बताया कि जब मंदिर, मस्जिद में भक्त नहीं जाएंगे और नेताओं कार्यक्रम नहीं होगा तो फूल कौन खरीदेगा? व्यापारी सरोज ने बताया कि अब तो लोगों के जनाजा उठने का ही इंतजार है।