- मेनटेनेंस नहीं होने की वजह से बढ़ रही है परेशानी

- निगम ने खड़े किए हाथ, कंपनी ने मेनटेनेंस से किया इंकार

- पुणे की एक्सपर्ट टीम 70 कर्मियों को देने वाली थी ट्रेनिंग, मगर कुछ नहीं हो पाया

PATNA : दो साल पहले खरीदी गयी निगम की फॉगिंग मशीन गया निगम के लिए लाई गई थी, पर हेल्थ डिपार्टमेंट की सहमति पर इस मशीन को निगम ने इस लालच में रख लिया कि यह लेटेस्ट मशीन पटना के लोगों के लिए बेहतर साबित हो सकरी है। पर, ऐसा नहीं हुआ। एक महीने बाद से ही मशीन में खराबी आनी शुरू हो गई। इसके बाद निगम की ओर से पुणे की कंपनी से संपर्क किया गया और यहां से 70 लोगों को ट्रेनिंग के लिए भेजा गया, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल पाया। निगम फिर भूल गया और मेनटेनेंस वर्क की ट्रेनिंग कर्मियों को नहीं मिल पायी। अब दो साल बाद पूरे पटना के 7ख् वार्ड में डेंगू को लेकर त्राहिमाम मचा हुआ है।

फिर दो दिनों के लिए बंद रहता

हाईकोर्ट की डांट के बाद भी चारों सर्किल में लगातार पोर्टेबल फॉगिंग मशीन यूज किया जाता है, लेकिन दस में से एक बनता है। वो भी आधे घंटे चलने के बाद बंद हो जाता है। बड़ी मशीन लिमिटेड है, जबकि छोटी भ्9 मशीन की हालत दिन व दिन खराब हो रही है। पुणे कंपनी का नंबर तक किसी को पता नहीं है, जहां भेजकर एक्सपर्ट का पैनल तैयार किया जाए, जो छिड़काव से लेकर उसका मेनटेनेंस वर्क पर अधिक से अधिक ध्यान दे।

लिमिटेड एरिया में भी नहीं हो पा रहा फॉगिंग

निगम में खराब हो रही फागिंग मशीन अपने मेनटेनेंस का इंतजार कर रही है। तो वहीं दूसरी ओर मशीनों की कमी की वजह से अब उन्हीं एरिया में फागिंग करवायी जा रही है। जहां पर छिड़काव के लिए उपर से प्रेशर डाला जाता है, क्योंकि अब बड़ी से लेकर छोटी मशीन तक सिर्फ घंटे भर ही चल पाती है। इससे अधिक यूज करने पर गड़बड़ी साबित हो रहा है। एनसीसी के ईओ विशाल आनंद ने बताया कि बड़ी मशीन की संख्या दो से तीन मंगवायी गयी है। अब रोटेशन वाइज हर वार्ड में छिड़काव करवाया जा रहा है।

हर सर्किल के पास खराब मशीन

एनसीसी - ख्ब्

बांकीपुर सर्किल - 9

कंकड़बाग सर्किल - 9

पटना सिटी सर्किल - क्7