-सम्मान में पक्षपात का आरोप लगा प्रेमचंद रंगशाला के बाहर खिलाडि़यों ने किया प्रदर्शन

PATNA: खेल दिवस पर जहां पटना के प्रेमचंद रंगशाला में राज्य के 74 खिलाडि़यों को सम्मानित किया जा रहा था, वहीं दूसरी ओर, इसके बाहर बड़ी संख्या में सॉफ्ट टेनिस समेत अन्य खेलों के खिलाड़ी बैनर, पोस्टर लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इतना ही नहीं, कुछ प्लेयर डाकबंगला चौराहे पर फुटबॉल खेलकर विरोध कर रहे थे। प्रदर्शन करने वाले वे खिलाड़ी थे जो एशियाड खेल में विजयी रहे थे। प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ी इस बात को लेकर दु:खी थे कि खेल पुरस्कारों के चयन की पद्धति में कोई सुधार नहीं हुआ है। आरोप लगाया कि विभाग के करीबी लोगों को मौका दिया जाता है जबकि जो मेडल लाते हैं, उन्हें सम्मान तो दूर, लिस्ट से भी बाहर रखा जाता है। प्रेमचंद रंगशाला के गेट के बाहर प्रदर्शन होते रहा लेकिन विभाग की ओर से कोई बात करने भी नहीं पहुंचा। सभी बैनर -पोस्टर के साथ नारा लगा रहे थे कि खेल और खिलाडि़यों से खिलवाड़ करना बंद करो।

क्या कोई नियम है?

बिहार सॉफ्ट बॉल एसोसिएशन के सेक्रेटरी धर्मवीर कुमार ने आरोप लगाया कि बिहार सरकार के मंत्री और विभाग यह बताए कि आखिर किन मानकों के तहत खिलाडि़यों को पुरस्कार दिया जाता है।

हॉकी का मामला उठा

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने हॉकी की समस्या को प्रमुखता से उठाया था। संडे को यह मामला सड़कों पर उठाया गया। यहां खेलने के लिए एस्ट्रो टर्फ भी नहीं मिल पाया है। मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि 6 वर्ष से प्लेयर्स की नियुक्ति बंद है। ना प्रशिक्षक हैं और न ही जिला खेल पदाधिकारी। जबकि सरकार खेल विश्वविद्यालय खोलने का दम भर रही है। फिजिकल कॉलेज भी 15 वर्ष से बंद है।

खेल समारोह के आयोजन से पहले तक यह जानकारी नहीं थी कि कौन सा खेल सम्मान से छूट रहा है। मुझसे कोई भी मिला नहीं। जब मालूम हुआ कि प्रदर्शन कर रहे हैं खिलाड़ी तो मैनें कहा कि यदि कोई खेल और उसके खिलाड़ी शामिल नहीं हुए हैं तो मेरे साथ डाक्यूमेंट लेकर मुझसे मिले। शिकायत का समाधान किया जाएगा।

-आलोक रंजन, खेल मंत्री बिहार