- दरभंगा में फिर जमींदारी बांध टूटा

- समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर नौवें दिन भी ट्रेन परिचालन बंद

- मुंगेर में फिर गंगा में उफान, कोसी भी दिखा रही आक्रामक तेवर

PATNA: बिहार की नदियां सैटरडे को फिर उफनती रहीं। कई नए इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। अलग-अलग जगह हुई घटनाओं में डूबने से नौ लोगों की जान चली गई। मरने वालों में सहरसा के चार, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, खगडि़या, मधेपुरा और दरभंगा के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। दरभंगा जिले के केवटी प्रखंड के बिरने गांव के पास बागमती का पश्चिमी जमींदारी बांध टूट गया। इससे सदर प्रखंड क्षेत्र में पानी फैल गया। शुक्रवार को केवटी प्रखंड के करजापट्टी में भी जमींदारी बांध टूट गया था। वहीं समस्तीपुर-दरभंगा रेलखंड पर नौवें दिन भी ट्रेन परिचालन बंद रहा।

बना हुआ है नदी का दबाव

इधर, पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल में नदियों के जलस्तर में भी उतार-चढ़ाव जारी रहा। मुंगेर में गंगा फिर उफन रही है है तो सुपौल में कोसी आक्रामक तेवर दिखा रही है। मुंगेर में गंगा नदी का जलस्तर शनिवार को 37.34 मीटर पर पहुंच गया। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा का जलस्तर प्रति घंटे आधा सेंटीमीटर के हिसाब से बढ़ रहा है। नौ स्परों पर नदी का दबाव बरकरार है। नदी नेपाल प्रभाग के नेपाली बांध एवं पुलठैगौड़ा के कुल 9 स्परों पर आक्रामक है। दोनों प्रभागों के सभी तटबंध अपने-अपने स्परों के साथ सुरक्षित बताए गए।

दर्जनों गांवों में फैला पानी

पश्चिम चंपारण में गंडक का जलस्तर 1.92 लाख क्यूसेक रहा। कटाव से भितहां में पीपी तटबंध पर खतरा बरकरार है। पूर्वी चंपारण में स्थिति यथावत है। मधुबनी जिले में धौस नदी का पानी पांच दर्जन गांवों में फैल चुका है। झंझारपुर में कमला बलान नदी खतरे के निशान से ऊपर है। समस्तीपुर में बागमती और करेह का पानी बढ़ने से दहशत है। शिवहर के अदौरी गांव में कटाव से सैकड़ों एकड़ जमीन बागमती नदी में समा गई। बाढ़ प्रभावित सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर जिले में जलजमाव से परेशानी है।